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सावन मास में भक्त नहीं कर सकेंगे गर्भगृह में प्रवेश, दूर से करना होंगे महाकाल के दर्शन


उज्जैन। सावन माह में महाकालेश्वर के दर्शन करने जाने वालों को दूर से ही बाबा के दर्शन करना होंगे। सावन मास में महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में आम भक्तों को प्रवेश नहीं मिल सकेगा। पूरे माह श्रद्धालु नंदी हॉल के पीछे गणेश मंडपम से दर्शन कर सकेंगे। 30 मिनट में महाकाल दर्शन करवाए जाएंगे। मंदिर परिसर में दर्शन के लिए एलईडी स्क्रीन लगाई जाएगी। प्रोटोकॉल से आने वाले भक्तों को निकट से दर्शन हो सके इसलिए नंदी हॉल में स्टील के बैरिकेड्स लगाए जाएंगे। चलित भस्मारती की व्यवस्था भी जारी रहेगी।

14 जुलाई से सावन मास शुरू हो रहा है। यह मास भगवान शिव को अतिप्रिय है। इस मास में महाकाल के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से भक्त उज्जैन पहुंचते हैं। भीड़ इतनी होती है कि पैर रखने की जगह नहीं मिलती। इसके चलते निर्णय लिया गया है कि सावन मास में गर्भगृह में भक्तों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। मंगलवार को मंदिर में दर्शन व्यवस्था और बाबा महाकाल की सवारी को लेकर कलेक्टर आशीष सिंह ने बैठक ली।


बैठक में भीड़ प्रबंधन की दृष्टि से निर्णय लिया कि सावन माह में आम भक्त गर्भगृह में नहीं जा सकेंगे। केवल पुजारी-पुरोहित नियमित पूजा-अर्चना के लिए गर्भगृह में जाएंगे। इसी तरह सामान्य दर्शनार्थियों के लिए हरसिद्धि मंदिर की ओर से लाइन शुरू होगी। दर्शनार्थियों को वर्तमान व्यवस्था के अंतर्गत 4 नंबर गेट से ही दर्शन के लिए प्रवेश देकर निर्गम गेट से बाहर निकाला जाएगा। वीवीआईपी के लिए मंदिर के मुख्य प्रशासनिक भवन के सामने से फैसिलिटी से होकर प्रवेश की व्यवस्था रहेगी।

परंपरागत पार्क से निकलेगी बाबा महाकाल की सवारी
सावन और भादौ मास में निकलने वाली बाबा महाकाल की सवारी को लेकर निर्णय हुआ कि इस बार महाकाल की सवारी इस बार परंपरागत मार्ग से निकाली जाएगी। कलेक्टर ने भगवान महाकाल की सवारी मार्ग का निरीक्षण भी किया। इस दौरान मंदिर समिति प्रशासन गणेश कुमार धाकड़, सहायक प्रशासक मूलचंद जोनवाल आदि मौजूद थे। यह भी बताया कि महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले आम दर्शनार्थियों के लिए नरसिंह घाट क्षेत्र में जूता स्टैंड व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। यहां से पैदल श्रद्धालु लाइन में लगकर 4 नंबर गेट तो पहुंचेंगे। सभी दर्शनार्थियों को निर्गम गेट से बाहर निकाला जाएगा।

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