बड़ी खबर

मेघालय के नोंगपोह में महसूस किए गए भूकंप के झटके, 3.2 रही तीव्रता

शिलांग(Shillong)। मेघालय (Meghalaya) के नोंगपोह (nongpoh) में रविवार रात भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (National Center for Seismology) के मुताबिक भूकंप के झटके एक जनवरी 2023 को रात करीब 11.28 बजे महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.2 (3.2 Intensity) मापी गई है। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने भूकंप से किसी जान-माल के हानि की पुष्टि नहीं की है।


कैसे आता है भूकंप?
भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।

भूकंप की तीव्रता
रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है और यह भूकंप महसूस नहीं किए जाते। रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं। इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है। ऐसे 1,000 भूकंप प्रतिदिन आते हैं इसे भी सामान्य तौर पर हम महसूस नहीं करते। वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं। इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन शायद ही इनसे कोई नुकसान पहुंचता है।

लाइट कैटेगरी के भूकंप 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले होते हैं जो पूरी दुनिया में एक साल में करीब 6,200 बार रिक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं। इन झटकों को महसूस किया जाता है और इनसे घर के सामान हिलते नजर आते हैं। हालांकि इनसे न के बराबर ही नुकसान होता है।

Share:

Next Post

Demonetisation: नोटबंदी के खिलाफ याचिकाओं पर आज SC सुनाएगा फैसला

Mon Jan 2 , 2023
नई दिल्ली (new Delhi)। साल 2016 में मोदी सरकार (Modi government) ने एक हजार रुपये (rupees one thousand) और पांच सौ रुपये (rupees five hundred) के नोटों को बंद करने (demonetisation) का फैसला लिया था। सरकार के उस फैसले की खूब आलोचना भी की गई थी। इतना ही नहीं, सरकार के उस फैसले के खिलाफ […]