उज्जैन। कोरोना महामारी के कारण कई प्रमुख त्यौहारों का स्वरूप बदला है, वहीं अब आने वाले दिनों में विजयादशमी पर्व पर भी इसका असर अभी से दिखाई देने लगा है। शहर में दो स्थानों पर रावण दहन के बड़े आयोजन होने पर संशय है। ऐसे में अब रावण के पुतले घर-घर ही दहन हो पाएँगे। इसके लिए बाजारों में रेडिमेड रावण के पुतलों की दुकानें भी खुल गई है।
धार्मिक नगरी उज्जैन में हर धर्म के त्यौहार का अपना एक विशेष महत्व रहा है। सभी त्यौहार यहाँ बड़े उत्साह के साथ मनाए जाते हैं। इनमें से एक त्यौहार विजयादशमी तथा उसके बाद दीपावली भी आ रहा है। कोरोना महामारी के कारण पिछले सारे त्यौहार नीरस गुजरे हैं। कोरोना गाईड लाईन और महामारी को लेकर लगाई गई पाबंदियों के चलते त्यौहारों की खरीददारी भी प्रभावित रही है। व्यापारियों को उम्मीद थी कि विजयादशमी और दीपावली पर इसमें कुछ बेहतर हो सकेगा लेकिन अभी तक जो कोरोना महामारी का असर दिख रहा है उसे देखते हुए शहर में रावण दहन के बड़े आयोजन फिलहाल टलते हुए नजर आ रहे हैं। इधर बाजारों में रावण के छोटे पुतलों की दुकानें अभी से सज गई है। व्यवसायियों का कहना है कि लोग भले ही दशहरा मैदान या शिप्रा तट पर कोरोना के कारण रावण दहन नहीं कर पाएँगे लेकिन बच्चों में इस त्यौहार को लेकर खासा उत्साह रहता है। 25 अक्टूबर को दशहरा आ रहा है। इस दिन घर-घर रावण जलाकर ही यह त्यौहार मनेगा। बाजार में अलग-अलग स्वरूपों के रावण के छोटे पुतले तैयार कर बेचे जा रहे हैं। इनकी कीमत कद के हिसाब से 150 रुपए से लेकर 1100 रुपए तक है। इस व्यापार से जुड़े लोगों को इस बार अच्छे व्यवसाय की उम्मीद है।
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