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चुनाव आयोग का बड़ा फैसला, अब जम्मू कश्मीर में रह रहे बाहरी लोग भी डाल सकेंगे वोट

जम्मू कश्मीर । जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir) में इस साल विधानसभा चुनाव (assembly elections) होने की संभावना है. इससे पहले चुनाव आयोग (election Commission) ने बड़ा ऐलान किया है. जम्मू कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी हृदेश कुमार ने कहा कि जो गैर कश्मीरी लोग (non kashmiri people) राज्य में रह रहे हैं, वे अपना नाम वोटर लिस्ट (voter list) में शामिल कराकर वोट डाल सकते हैं. इसके लिए उन्हें निवास प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में सुरक्षा के लिए तैनात सुरक्षाबलों के जवान भी वोटर लिस्ट में अपना नाम शामिल करा सकते हैं.

हृदेश कुमार ने बुधवार को बताया कि जम्मू कश्मीर में इस बार करीब 25 लाख नए वोटरों का नाम वोटर लिस्ट में शामिल होने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि कर्मचारी, छात्र, मजदूर और कोई भी गैर स्थानीय जो कश्मीर में रह रहा है, वह अपना नाम वोटर लिस्ट में शामिल करा सकता है. उन्होंने बताया कि वोटर लिस्ट में नाम शामिल कराने के लिए स्थानीय निवास प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है. इसके अलावा जम्मू कश्मीर में तैनात सुरक्षाबलों के जवान भी वोटर लिस्ट में नाम शामिल कराकर वोटिंग कर सकते हैं.


बड़े पैमाने पर वोटर बढ़ने की उम्मीद
हृदेश कुमार ने बताया कि जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 के निरस्त होने के बाद पहली बार मतदाता सूची में विशेष संशोधन हो रहा है. ऐसे में उम्मीद है कि इस बार बड़े पैमाने पर बदलाव होगा. इतना ही नहीं तीन साल में बड़ी संख्या में युवा 18 साल या उससे अधिक उम्र के हो गए हैं.

जम्मू कश्मीर में अभी 76 लाख वोटर
उन्होंने बताया कि 15 सितंबर से वोटर लिस्ट में नाम शामिल करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. यह 25 अक्टूबर तक चलेगी. हालांकि, 10 नवंबर तक दावों और आपत्तियों का निपटारा किया जाएगा. हृदेश कुमार के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में 18 साल से अधिक उम्र के करीब 98 लाख लोग हैं, जबकि अंतिम मतदाता सूची के अनुसार सूचीबद्ध मतदाताओं की कुल संख्या 76 लाख है.

महबूबा मुफ्ती ने उठाए सवाल
पीडीपी चीफ और पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने इस मामले में केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट किया, जम्मू कश्मीर में चुनावों को स्थगित करने संबंधी भारत सरकार का फैसला, पहले बीजेपी को लाभ पहुंचाने और अब गैर स्थानीय लोगों को वोट देने की अनुमति देने का फैसला चुनाव परिणामों को प्रभावित करने के लिए है. असली उद्देश्य स्थानीय लोगों को शक्तिहीन करके जम्मू-कश्मीर पर शासन जारी रखना है.

जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर पूछा कि क्या बीजेपी म्मू-कश्मीर के वास्तविक वोटरों को लेकर इतनी असुरक्षा महसूस कर रहे हैं कि उसे चुनाव जीतने के लिए अस्थायी वोटरों को आयात करने की जरूरत है? उन्होंने कहा, जब जम्मू-कश्मीर के लोगों को अपने वोट का प्रयोग करने का मौका दिया जाएगा तो इनमें से कोई भी चीज बीजेपी के काम में नहीं आएगी.

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