
नई दिल्ली । विदेश मंत्री एस. जयशंकर (External Affairs Minister S. Jaishankar) ने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से (With Russian Foreign Minister Sergey Lavrov) पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा की (Discussed on Pahalgam Terror Attack) ।
रूसी विदेश मंत्री से बात करते हुए जयशंकर ने भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय सहयोग गतिविधियों के बारे में चर्चा के साथ ही पहलगाम आतंकवादी हमले के अपराधियों, समर्थकों और योजनाकारों को न्याय के कटघरे में लाए जाने पर बात की । सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में विदेश मंत्री जयशंकर ने शनिवार को लिखा, “कल रूस के विदेश मंत्री लावरोव के साथ पहलगाम आतंकवादी हमले पर चर्चा की। इसके अपराधियों, समर्थकों और योजना बनाने वालों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। साथ ही हमारे द्विपक्षीय सहयोग गतिविधियों के बारे में भी बात की।” रूसी विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों मंत्रियों ने उच्चतम स्तर पर आगामी संपर्कों के कार्यक्रम पर भी चर्चा की।
बता दें कि 22 अप्रैल को आतंकियों ने उन निर्दोष पर्यटकों पर हमला किया जो ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने के लिए वहां आए थे। 2019 के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर घाटी में यह सबसे घातक हमला था, जिसमें ज्यादातर पर्यटक शामिल थे और इसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के एक प्रतिनिधि द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली थी। हालांकि, बाद में टीआरएफ ने हमले में शामिल होने से इनकार कर दिया।
दोनों देशों के मंत्रियों ने रूसी-भारतीय सहयोग के मुद्दों तथा पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान संबंधों में आई गिरावट पर चर्चा की। इससे पहले, रूसी संघ ने एक बयान में कहा, “सर्गेई लावरोव ने 1972 के शिमला समझौते और 1999 के लाहौर घोषणापत्र के प्रावधानों के अनुसार राजनीतिक और कूटनीतिक तरीकों से द्विपक्षीय आधार पर नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच मतभेदों को सुलझाने का आह्वान किया।”
पहलगाम हमले के बाद केंद्र सरकार ने कई कूटनीतिक उपायों की घोषणा की, जैसे अटारी में एकीकृत चेक पोस्ट (आईसीपी) को बंद करना, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) को निलंबित करना, उन्हें अपने देश लौटने के लिए 40 घंटे का समय देना, और दोनों पक्षों के उच्चायोगों में अधिकारियों की संख्या कम करना। इसके अलावा, भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को दिए गए सभी प्रकार के वीज़ा भी रद्द कर दिए और उन्हें 30 अप्रैल तक देश छोड़ने का आदेश दिया। भारत ने पाकिस्तान एयरलाइंस द्वारा संचालित उड़ानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र भी बंद कर दिया।
जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान ने भारत के साथ सभी प्रकार के व्यापार को निलंबित करने की घोषणा की, जिसमें पाकिस्तान के माध्यम से किसी भी तीसरे देश के साथ व्यापार भी शामिल था, तथा भारतीय एयरलाइनों को अपने हवाई क्षेत्र का उपयोग करने से रोक दिया। 29 अप्रैल को एक महत्वपूर्ण सुरक्षा बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले पर भारत की प्रतिक्रिया का तरीका, लक्ष्य और समय निर्धारित करने के लिए सशस्त्र बलों को पूर्ण परिचालन स्वतंत्रता है।
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