देश राजनीति

महाराष्ट्र में राजनीतिक उठापटक के बीच फडणवीस ने की शाह, नड्डा से मुलाकात

मुंबई: महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक उठापटक (political upheaval) के बीच मंगलवार को राजधानी दिल्ली पहुंचे नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा (J P Nadda) से मुलाकात की. फडणवीस की भाजपा आलाकमान से यह मुलाकात ऐसे समय में हो रही है, जबकि महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार संकट में घिरी है क्योंकि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में उसके कई विधायकों ने विद्रोह कर दिया है और वे वर्तमान में गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं.

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने करीब डेढ़ घंटे तक गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. इस दौरान वहां वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी भी मौजूद थे. कानूनी पहलुओं पर भी विस्तार से चर्चा हुई. बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री को सिलसिलेवार तरीके से यह बताया गया कि राज्य में राजनीतिक हालात को देखते हुए क्या-क्या कानूनी विकल्प हैं. इसके अलावा बागी विधायकों को मिले अयोग्यता नोटिस पर सुप्रीम कोर्ट में जो सुनवाई होनी है उस पर संबंधित पक्षों को क्या रुख लेना है… इस बात को लेकर भी गृहमंत्री के सामने चर्चा हुई.

अमित शाह संग बैठक के बाद देवेंद्र फडणवीस ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ भी 30 मिनट तक मुलाकात की. फडणवीस शाम 4.30 बजे पार्टी अध्यक्ष के घर पहुंचे, वहां वे 30 मिनट रहे और ठीक शाम 5 बजे नड्डा के घर से निकल गए. ज्ञात हो कि शिवसेना के इस विद्रोह को उसका आंतरिक मामला बताकर भाजपा ने इससे दूरी बना रखी है लेकिन उसके नेताओं ने साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि पार्टी की रणनीति ‘स्थिति पर नजर रखने’ की है. शिवसेना खेमे में विद्रोह के बाद फडणवीस बेहद सक्रिय देखे जा रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि अगर एमवीए सरकार अल्पमत में आती है तो भाजपा, शिवसेना के बागियों के साथ सरकार बना सकती है. फडणवीस ने सोमवार को मुंबई में पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के नेताओं के कोर समूह की एक बैठक भी की थी.


महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर भाजपा जल्दबाजी में नहीं
शिंदे शिवसेना के जिन असंतुष्ट विधायकों के साथ गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं उनमें राज्य सरकार के नौ मंत्री भी हैं, जिनके विभाग सोमवार को वापस ले लिये गये. भाजपा सूत्रों ने बताया कि पार्टी महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर इस बार किसी प्रकार की जल्दबाजी नहीं करेगी क्योंकि 2019 में फडणवीस ने अजीत पवार के नेतृत्व वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के एक धड़े के साथ मिलकर सरकार बना ली थी, लेकिन तब उन्हें दो ही दिनों में इस्तीफा देना पड़ गया था.

‘आखिरी सांसें ले रही है एमवीए की सरकार’
भाजपा नेताओं का मानना है कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए की सरकार आखिरी सांसें ले रही है लेकिन भाजपा ‘इस बार अपने कदम फूंक-फूंक कर बढ़ाएगी.’ एमवीए सरकार में शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा शामिल हैं. पार्टी के एक नेता ने कहा, ‘सारी संभावनाएं तलाशने के बाद परिस्थितियां पक्ष में होंगी तभी राज्यपाल का दरवाजा खटखटाया जाएगा.’ शिवसेना के बागी विधायकों को सोमवार को उच्चतम न्यायालय से भी राहत मिली जब शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष द्वारा जारी अयोग्यता नोटिस के खिलाफ संबंधित विधायकों की अयोग्यता पर 11 जुलाई तक फैसला लेने पर रोक लगा दी. इसके साथ ही अदालत ने अयोग्यता नोटिस की वैधता को चुनौती देने वाले बागी विधायकों की याचिकाओं पर राज्य सरकार एवं अन्य से जवाब तलब किया.

Share:

Next Post

भाजपा को चुनाव और सिंहस्थ में ही याद आता है उज्जैन, जानिए कमलनाथ ने क्यों कही ये बात

Tue Jun 28 , 2022
उज्जैन। नगरीय निकाय चुनाव (urban body elections) में जीत के लिए भाजपा-कांग्रेस दोनों ही भगवान महाकाल की शरण में हैं। कुछ दिन पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) उज्जैन आकर महाकाल दर्शन करने गए थे तो मंगलवार को पूर्व सीएम कमलनाथ (Kamal Nath) उज्जैन पहुंचे। हैलीपेड से सीधे महाकाल के दर्शन के […]