भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

किसान खुद लगाएं प्रोसेसिंग यूनिट, कमाएं ज्यादा मुनाफा

  • उत्पादन, मार्केटिंग एवं ब्रांडिंग प्रशिक्षण के लिए किसानों की दी जाएगी ट्रेनिंग

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश संतरा, धनिया, लहसुन उत्पादन में देश में पहले नंबर पर है। अदरक, मिर्ची, अमरुद, मटर और प्याज के उत्पादन में प्रदेश पूरे देश में दूसरे नंबर पर है। अगर किसान अपने इस उत्पादन की छोटी-छोटी फ़ूड प्रोसेसिंग इकाई खोल लें, तो जनता को शुद्ध सामग्री, युवाओं को रोजगार के अवसर और किसानों को उनके उत्पाद के ठीक दाम मिल सकेंगे। मुख्यमंत्री चौहान प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के अंतर्गत कृषि महाविद्यालय ग्वालियर, कृषि विज्ञान केन्द्र, मुरैना और कृषि महाविद्यालय, सीहोर में इन्क्यूबेशन केन्द्रों की स्थापना के लिए राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय, ग्वालियर में आयोजित भूमि-पूजन एवं शिलान्यास कार्यक्रम को र्चुअली संबोधित कर रहे थे।



मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद्य प्र-संस्करण की प्रक्रिया पर प्रदेश में कार्यशालाएँ आयोजित करने की आवश्यकता है। किसानों को अपने उत्पाद की गुणवत्ता सुधार, पैकेजिंग, मार्केटिंग, ब्रांडिंग के संबंध में जानकारी देने और इनकी प्रक्रियाओं से अवगत कराने के लिए कार्यशालाएँ आयोजित की जाएँ। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना में किसान को 10 लाख रुपए तक की सब्सिडी दी जाएगी। अनुदान का 40 फीसदी हिस्सा राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को विस्तार देने के लिए राज्य सरकार बड़ी यूनिट लगाने पर ढाई करोड़ रुपए तक की सब्सिडी देगी।

15 साल में कृषि क्षेत्र की तस्वीर बदली
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 15 साल में प्रदेश ने कृषि के क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि की है। अनेक योजनाएँ बनाकर हमने प्रयत्नपूर्वक तय किया कि प्रदेश को कृषि के क्षेत्र में आगे लाएंगे। इसी का परिणाम है कि प्रदेश को अनेक बार कृषि कर्मण अवार्ड प्राप्त हुआ। मध्यप्रदेश ने कृषि उत्पादन में रिकार्ड स्थापित किए हैं। प्रदेश में 43 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदकर रिकार्ड स्थापित किया गया है। आज मध्यप्रदेश में पंजाब से भी अधिक गेहूँ पैदा होता है। मध्यप्रदेश कृषि के क्षेत्र में नित नए कीर्तिमान स्थापित करते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी के आत्म-निर्भर भारत के संकल्प को पूर्ण करने में सतत् सहयोग प्रदान कर रहा है।

कृषि विविधीकरण जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि देश की अर्थ-व्यवस्था की रीढ़ है। राज्य सरकार फसलों के उत्पादन के साथ उद्यानिकी को प्रोत्साहित कर प्रधानमंत्री श्री मोदी के किसानों की आय दोगुनी करने के संकल्प को पूरा करने की दिशा में सक्रिय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान की आय बढ़ाने के लिए कृषि के विविधीकरण की आवश्यकता है। फल, फूल, सब्जी, औषधियों की खेती और कृषि वानिकी को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। सीएम ने कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि प्रदेश में उद्यानिकी का क्षेत्र 15 लाख हेक्टेयर से अधिक हो गया है। प्रदेश में फल, सब्जियाँ, मसाले आदि की बड़े पैमाने पर खेती हो रही है। इन उत्पादों की प्रोसेसिंग की व्यवस्था होने से निश्चित रूप से किसानों की आय बढ़ेगी।

गांवों में यूनिट खुलने से रुकेगा पलायन
्रमुख्यमंत्री ने कहा कि देश में असंगठित खाद्य प्र-संस्करण क्षेत्र में लगभग 25 लाख इकाइयाँ कार्य कर रही हैं। इनमें से लगभग 66 प्रतिशत यूनिट ग्रामीण क्षेत्रों में हैं और लगभग 80 प्रतिशत उद्यम परिवार आधारित हैं। यह उद्यम, ग्रामीण पारिवारिक आजीविका को बढ़ाने और ग्रामीणों के शहरी क्षेत्रों में पलायन को कम करने में सहायक हैं। अत: ग्राम स्तर पर खाद्य प्र-संस्करण के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी और उपकरणों की उपलब्धता, प्रशिक्षण, संस्थागत ऋण की उपलब्धता, उत्पादों के गुणवत्ता नियंत्रण के संबंध में जानकारी तथा सामग्री की पैकेजिंग, ब्रांडिंग और मार्केटिंग के संबंध में आवश्यक प्रशिक्षण और वेल्यू एडिशन पर सही मार्गदर्शन उपलब्ध कराकर युवाओं को सशक्त करने की आवश्यकता है।

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