आमलकी एकादशी 2021 (Amalaki Ekadashi ) 24 मार्च यानि आज है । धार्मिक मान्यता के अनुसार फाल्गुन मास (Falgun Mass) के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi ) मनाई जाती है। यह तिथि हिंदू धर्म में अत्याधिक महत्व रखती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है। व्रत की शुरुआत सुबह 10 बजकर 23 मिनट से हो गई है जोकि कल सुबह यानी कि 25 मार्च को 09 सुबह 47 मिनट तक रहेगी. आमलकी एकादशी को आंवला एकादशी और रंगभरनी एकादशी भी कहा जाता है. आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi ) का व्रत उदया तिथि में रखा जाता है जोकि आज है. आमलकी का अर्थ होता है आंवला.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु के आशीर्वाद से ही आंवले के पेड़ की उत्पत्ति हुई थी. यही वजह है कि इस दिन भगवान विष्णु के रूप में आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है. कई जगहों पर इस दिन रंगभरनी एकादशी (Rangbharni Ekadashi) भी मनाई जाती है. इस दिन कई जगहों पर शिव भक्त भगवान भोले शंकर को रंग लगाकर रंगभरनी एकादशी मनाते हैं । आमलकी एकादशी भगवान विष्णु और भगवान शिव (Lord Shiva) दोनों के भक्त मनाते हैं ।
आमलकी एकादशी 2021 मुहूर्त:
एकादशी तिथि का प्रारंभ- 24 मार्च, बुधवार को सुबह 10 बजकर 23 मिनट से
एकादशी तिथि समाप्त- 25 मार्च, गुरुवार को 09 सुबह 47 मिनट तक
एकादशी व्रत पारण का समय- 26 मार्च, शुक्रवार को सुबह 06:18 बजे से 08:21 बजे तक
आमलकी एकादशी का महत्व:
आमलकी एकादशी (Amalki Ekadashi) के दिन श्री हरि की पूजा की जाती है। आमलकी का अर्थ आंवला होता है। मान्यता है कि श्री हरि ने आंवले को आदि वृक्ष के रूप में प्रतिष्ठित किया था। इसी के चलते आंवले के पेड़ के हर अंग में ईश्वर का वास माना जाता है। इस दिन आंवले के पेड़ (Amla tree) की भी पूजा की जाती है। साथ ही श्री हरि विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
Share: