उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

गलत Injection के बाद Black Fungus के मरीजों में भय, तीन-चार मरीजों को घर ले गए परिजन

उज्जैन। जिला अस्पताल के फंगस उपचार वार्ड में एंटी फंगल इंजेक्शन के डोज लगने के बाद एक दिन पहले 12 मरीजों की तबीयत बिगड़ गई थी। इनमें एक मरीज को इंदौर और दूसरी महिला मरीज को आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज रैफर किया गया था। कल शाम परिवार के लोग वहाँ डॉक्टरों से चर्चा कर अपनी रिस्क पर महिला मरीज को घर ले गए। हालांकि मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर लगातार ऐसा नहीं करने के लिए परिवार के लोगों को समझाते रहे लेकिन वह नहीं माने। आज सुबह जिला अस्पताल से एक और मरीज ने छुट्टी ले ली।
उल्लेखनीय है कि जिला अस्पताल के ब्लैक फंगस उपचार वार्ड में भर्ती 35 मरीजों को गुरुवार की रात एम्फोटेरेसिम बी लिपिट काम्पलेक्स इंजेक्शन के डोज लगाए गए थे। इसके बाद यहाँ भर्ती 12 मरीजों को रिएक्शन हुआ था और उन्हें घबराहट, उल्टी और बेचैनी की शिकायत हो गई थी। 12 मरीजों में से एक महिला और एक पुरुष मरीज को ऑक्सीजन का लेवल लगातार कम होने के कारण यहाँ से इंदौर तथा आरडी गार्डी मेडिकल अस्पताल में रैफर किया गया था। उज्जैन निवासी अजय बैरागी नामक मरीज को उपचार के लिए जिला अस्पताल से इंदौर तथा ग्राम मंगरोला निवासी रेशम बाई को आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज भेजा गया था। कल सुबह मरीजों की हालत बिगडऩे की खबर के बाद सीएमएचओ महावीर खंडेलवाल भी जिला अस्पताल के ब्लैक फंगस उपचार वार्डों में निरीक्षण के लिए पहुँचे थे। हालांकि इसके बाद से लेकर अब तक मरीजों की बिगड़ी हालत में लगातार सुधार हो रहा है लेकिन आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज रैफर की गई मंगरोला गांव निवासी रेशम बाई को उनके परिजन कल रात 8 बजे आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज से जिद कर अपनी जवाबदारी पर यहाँ से घर ले गए। परिजनों का कहना था कि उन्हें यहाँ उपचार नहीं कराना है। इस बारे में आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज के ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ. सुधाकर वैद्य ने बताया कि उक्त महिला को कल सुबह ऑक्सीजन लेवल कम होने के कारण जिला अस्पताल से हमारे यहाँ रैफर किया गया था। यहाँ आते ही महिला मरीज के परिजन इस बात को लेकर जिद करने लग गए थे कि उनके मरीज को या तो माधवनगर या फिर चरक अस्पताल में शिफ्ट कर दिया जाए। इन दोनों अस्पतालों से चर्चा भी की गई लेकिन वहाँ उपचार सुविधा नहीं होने के कारण परिजनों को कहा गया कि पहले महिला मरीज का ऑक्सीजन लेवल मेनटेन हो जाए उसके बाद इनके ब्लैक फंगस का उपचार होगा। यह समझाने के बाद भी परिजन नहीं माने और उन्होंने अपनी जवाबदारी पर लिखित में मरीज की यहाँ से लामा लिखकर रात में छुट्टी करवा ली।

अन्य मरीजों की हालत में सुधार
सीएमएचओ महावीर खंडेलवाल ने बताया कि जिला अस्पताल के ब्लैक फंगस उपचार वार्डों में भर्ती सभी मरीजों की हालत ठीक है। किसी को कोई समस्या नहीं है। उन्होंने कहा कि एंटी फंगल इंजेक्शन के डोज के बाद मरीजों में इस तरह के रिएक्शन आ सकते हैं लेकिन खतरे की कोई बात नहीं है। जिला अस्पताल में आज सुबह भी सभी 35 मरीजों का उपचार किया जा रहा है। उनसे जब यह पूछा गया कि क्या अब मरीजों को एम्फोटेरेसिम बी लिपिट काम्पलेक्स इंजेक्शन का डोज लगाया जाएगा या नहीं इस पर उन्होंने कहा कि शासन द्वारा जो भी एंटी फंगल इंजेक्शन जिला अस्पताल को उपलब्ध कराए जाएँगे वह लगाए जाएँगे।

Share:

Next Post

Corona Lockdown की भेंट चढ़ गए शहर के दोनों तरणताल

Sat Jun 19 , 2021
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में बना आगर रोड का स्वीमिंग पूल महंगा देवासरोड वाले को नया करने में लगेंगे 2-3 वर्ष उज्जैन। शहर के दोनों तरणताल इस गर्मी में भी शहर की जनता को ठंडक नहीं पहुँचा पाए और लोग नए तरणताल का मजा भी नहीं ले पाए। कोरोना के कारण दोनों स्वीमिंग पूल बंद पड़े […]