क्राइम देश

ओला इलेक्ट्रिक स्कूटी बुकिंग का झांसा देकर करोड़ों की ठगी, 20 गिरफ्तार

नई दिल्ली। बाहरी उत्तरी जिला साइबर सेल (Outer North District Cyber ​​Cell) ने ओला इलेक्ट्रिक स्कूटी की बुकिंग (ola electric scooty booking) का झांसा देकर देश भर में एक हजार लोगों से करोड़ों की ठगी (One thousand people cheated of crores) के मामले में 20 जालसाजों को गिरफ्तार (20 fraudsters arrested) किया है। ओला स्कूटी की बुकिंग ऑनलाइन होता है और इसका जालसाज फायदा उठा रहे थे। पुलिस ने गिरफ्तार किए गए 20 जालसाजों में से दो को कर्नाटक, चार तेलंगाना, तीन झारखंड और 11 बिहार से गिरफ्तार किया है। आरोपी फर्जी वेबसाइट बनाकर ठगी को अंजाम दे रहे थे। इनके कब्जे से पुलिस ने 38 स्मार्ट फोन, 25 कीपैड फोन, सात लैपटॉप, दो हार्ड डिस्क, दो स्मार्ट वॉच, एक डोंगल, वारदात में इस्तेमाल किए गए 114 सिम कार्ड बरामद किए हैं। इसके अलावा इनके 25 बैंक खाते और चार वॉलेट को फ्रीज किया है।


बाहरी उत्तरी जिले के साइबर सेल में कंझावला निवासी गोपाल सिंह ने ओला इलेक्ट्रिक स्कूटी की बुकिंग के नाम पर 31 हजार रुपये की ठगी की शिकायत की। साइबर सेल निरीक्षक रमन सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम ने तकनीकी जांच शुरू की। रोपियों की लोकेशन बेंगलूरु की मिली। पुलिस ने सीडीआर, बैंक खाता और केवाईसी से आरोपियों का सुराग तलाश की। पुलिस को गूगल, गो डैडी, बिगरॉक की तकनीकी निगरानी करने पर वेब डेवलपर व डिजाइनर बेंगलूरु निवासी टीवी वैंकटखाला का सुराग मिला और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उसकी निशानदेही पर पुलिस वेबसाइट को कंट्रोल करने वाले नागेश को गिरफ्तार कर लिया। नागेश सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन करता था। नागेश ने ही ओला स्कूटी वेबसाइट की तरह दिखने वाली वेबसाइट को डिजाइन किया था। स्थानीय अदालत में पेश करने के बाद पुलिस उन्हें लेकर दिल्ली आई।

पूछताछ में पता चला कि पूरा जालसाजी रैकेट बिहार से चलता है और मुख्य आरोपी बिहार में है। बाकी आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने नागेश से जालसाजों को फोन कराया। जिसमें उसने बताया कि वह किसी आधिकारिक काम के लिए दिल्ली में है। आरोपियों को अपने लैपटॉप और मोबाइल फोन के साथ दिल्ली आने को कहा। मेदांता अस्पताल, सेक्टर 38, गुरुग्राम हरियाणा के पास मिलने आए बिहार निवासी राकेश कुमार और सुशांत कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। सुशांत खुद को कुलदीप सिंह बताकर अकाउंट का इस्तेमाल करता था। उसके सहयोगी अपने गांव पांची बिहार से काम करते पाए गए। इन्होंने बताया कि बिहार में रहने वाले दो सगे भाई अमन और अनेश पूरी जालसाजी का रैकेट चलाते हैं। पुलिस टीम ने गांवमहानंदपुर, थानासेखपुर सराय पटना से दोनों को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही इनके अन्य 14 सहयोगियों को अलग अलग जगहों पर छापेमारी कर पकड़ लिया। जिला पुलिस उपायुक्त देवेश महला ने बताया कि आरोपी पहले पीड़ितों से पंजीकरण के नाम पर ऑनलाइन 499 रुपये का भुगतान करने के लिए कहते थे और फिर ट्रांसपोर्ट रजिस्ट्रेशन, बीमा व अन्य मदों में पैसा जमा करने के लिए कहते थे। पैसे मिलने के बाद वह लगातार समय बढ़ाते रहते थे।

लड़की की आवाज में जालसाज करते थे बात
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि वेबसाइट पर संपर्क करने वालों से जालसाज लड़की की आवाज में बात करते थे। गैंग में सभी उम्र के आरोपी शामिल थे। बड़े उम्र के लोगों को अधिकारी बताकर उससे बातचीत करवाते थे।

जालसाजों के बैंक खाते की पुलिस कर रही है जांच
पुलिस अधिकारी ने बताया कि जालसाजों के खाते की जांच में अभी तक एक हजार से ज्यादा लोगों से ठगी की बात सामने आई है। ठगी की रकम करोड़ों रुपये हो सकती है। जिसकी अभी जांच की जा रही है। साथ ही आरोपियों से पूछताछ कर पुलिस इस बात की जानकारी हासिल कर रही है कि यह कब से ठगी को अंजाम दे रहे थे।

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