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नमकीन के पैकेट से लेकर साबुन तक, कंपनियों ने दाम तो नहीं बढ़ाए, लेकिन घटा दिया साइज

नई दिल्ली: लगातार बढ़ रही महंगाई के बीच बहुत सारी कंपनियों ने अपने पैकेट्स के दाम नहीं बढ़ाए. आपको लग रहा होगा कि ये तो अच्छी बात है. लेकिन ये आधा सच है. बाकी का आधा सच ये है कि उन्होंने पैकेट्स में आने वाले सामान को कम कर दिया है. भुजिया हो या फिर साबुन. वो तमाम चीजें जिन्हें आप रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल करते हैं, सबमें यही खेल हुआ है.

इनके पैकेट या पैक हल्के होने के पीछे वजह तो महंगाई ही है, लेकिन अपने प्रॉडक्ट्स की डिमांड बरकरार रखने के लिए लगभग सभी कंपनियों ने यही रणनीति अपनाई है. पैक हल्का होने पर ग्राहक को महंगाई एक झटके में महसूस नहीं होती, जबकि रेट बढ़ा देने से महंगाई साफ दिखने लगती है और ये भी संभव है कि ग्राहक वह सामान खरीदना ही बंद कर दे.

कंपनियां फिक्स्ड-प्राइस आइटम के वजन को कम करके हाई इनपुट प्राइस यानी उच्च लागत मूल्य को एडजस्ट कर र​हीं हैं. उन्होंने कम आय वाले और ग्रामीण क्षेत्र के कस्टमर्स को ध्यान में रखते हुए इन प्रोडक्टर्स की कीमत बढ़ाने के बदले आकार या वजन कम करने का फंडा अपनाया है. खाद्य तेलों, अनाज और ईंधन की बढ़ती कीमतों के बीच यूनिलीवर पीएलसी की भारतीय इकाई और घरेलू कंज्यूमर गुड्स कंपनी ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज लिमिटेड, डाबर इंडिया लिमिटेड सहित अन्य कंपनियां अपने सबसे सस्ते पैकेजों को हल्का कर रही हैं.


अमेरिका में भी ऐसी ही रणनीति
विशेषज्ञों का मानना है कि कंपनियों की ओर से पैकेट का वजन कम करना भारत के लिए कोई नई बात नहीं है. अमेरिका में सबवे रेस्टोरेंट, डोमिनोज़ पिज्जा सहित अन्य कंपनियों ने लागत कम करने के लिए प्रोडक्ट को छोटा करने की ही रणनीति अपनाई है. कंपनियों ने यह रणनीति ऐसे वक्त अपनाई है, जबकि पिछले 4 महीनों से इंडियन कंज्यूमर प्राइस यानी महंगाई केंद्रीय बैंक के लक्ष्य 6 फीसदी ऊपरी सीमा से ऊपर चली गई है. अप्रैल में महंगाई दर 8 साल के उच्च स्तर करीब 7.8 फीसदी पर पहुंच गई है.

वॉल्यूम कम करना एकमात्र उपाय
हिंदुस्तान यूनिलीवर के चीफ फाइनेंस ऑफिसर रितेश तिवारी के हवाले से लाइवमिंट ने लिखा, “हम अगली 2 से 3 तिमाहियों में और अधिक महंगाई देखेंगे. कुछ निश्चित पैक में वॉल्यूम कम करना हमारे लिए मूल्य वृद्धि रोकने का एकमात्र तरीका है.” हिंदुस्तान यूनिलीवर के प्रोडक्ट की अहमियत इसी बात से लगाई जा सकती है कि प्रतिदिन 10 में से 9 भारतीय परिवार इस कंपनी के प्रोडक्ट का इस्तेमाल करते हैं.

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