दीपावली पर जमकर आतिशबाजी हुई। शाम से लेकर रात बारह बजे तक खूब पटाखे फोड़े गए। चारों तरफ धुआं ही धुआं भर गया। वायु गुणवत्ता सूचकांक रात 12 बजे 441 पहुंच गया।
छोटी दिवाली(Choti Diwali) बुधवार रात भी जमकर पटाखे फोड़े गए। बुधवार (Wednesday) को वायु गुणवत्ता सूचकांक 353 था। बृहस्पतिवार रात शहर में हुई जबरदस्त आतिशबाजी (Fireworks) के बाद एक्यूआई में 88 पॉइंट का उछाल आया और गाजियाबाद (Ghaziabad) डार्क रेड जोन में चला गया। सड़कों पर लाइट जलने के बाद भी धुआं भरने से वाहनों को फॉग लाइट का सहारा लेना पड़ा। रोशनी में भी दृश्यता कम रही।
प्रतिबंध के बाद भी हुई आतिशबाजी
जिले में हवा की सेहत खराब होने की वजह से सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) और एनजीटी के आदेश के बाद पटाखों की बिक्री और पटाखों को फोड़ने जलाने पर रोक लगी हुई है। बावजूद इसके खूब पटाखे बिके और फूटे भी। चारों तरफ पटाखे का धुआं भर गया। सवाल उठता है कि प्रतिबंध के बाद कहां से आया पटाखा। पटाखों पर बैन के आदेश के बाद भी पुलिस प्रशासन की ओर से कोई रोकटोक नहीं की गई। रातभर तेज आवाज वाले पटाखे दगते रहे।
इन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा हुई आतिशबाजी
लाइनपार क्षेत्र विजय नगर, खोड़ा, नंदग्राम, तुराबनगर, लालकुआं, संजय नगर, चौक क्षेत्र, साहिबाबाद, शालीमार, लोनी।
देश मे दूसरे स्थान पर गाजियाबाद
दीपावली की रात वायु प्रदूषण के मामले में गाजियाबाद देश मे दूसरे नंबर पर रहा। यहां एक्यूआई 441 रहा। पहले नंबर पर जींद रहा।
शहर | एक्यूआई |
जींद | 494 |
गाजियाबाद | 441 |
गुरुग्राम | 438 |
बहादुरगढ़ | 426 |
फरीदाबाद | 423 |
दिल्ली | 422 |
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