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ग्लोबल मार्केट तक पहुंचाने के लिए IPL की टाइटल स्पॉन्सरशिप रेस में शामिल हुई पतंजलि

नई दिल्ली. चीनी कंपनियों का इस समय भारत में जमकर बहिष्कार हो रहा है। जिसके कारण वो इस समय थोड़ी डरी हुई हैं. इस बहिष्कार का असर अब इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) पर भी देखने को मिल रहा है। दरअसल आईपीएल 2020 के लिए टाइटल स्‍पॉन्‍सर से चीनी मोबाइल फोन निर्माता कंपनी वीवो ने अपने हाथ पीछे खिंच लिए हैं। अब इसका सीधा फायदा पतंजलि को होने जा रहा है. दरअसल अब पतंजलि इस रेस में सबसे आगे हो गया है।

इस स्पान्सरशिप को लेकर पंतजलि के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने एक बयान में कहा है कि हम इस साल आईपीएल की टाइटल स्पॉन्सरशिप के बारे में सोच रहे हैं, ताकि पतंजलि को ग्लोबल मार्केट मिल सके. इसक मक्सद पतंजलि को ग्लोबल मार्केट तक पहुंचाना है।

भारत और चीन के बीच तनाव के चलते कंपनी ने इस साल टाइटल स्पॉन्सरशिप से हटने का फैसला किया था। वीवो टाइटल स्पॉन्सशिप के लिए हर साल बीसीसीआई को 440 करोड़ रुपये का भुगतान करता है। वीवो आईपीएल के जरिए जमकर कमाई करता था।

बीसीसीआई से वीवो ने 2018 से 2022 तक के आईपीएल के टाइटल स्‍पॉन्‍सर का करार कर रखा था। ये करार 2190 करोड़ रुपये की अनुमानित राशि, यानी कि 440 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष के लिए किया गया था। जिसे इस साल वीवो ने कैंसिल कर दिया। हालांकि बोर्ड ने वीवो के अगले साल वापसी का रास्ता खुला रखा है. अगर अगले साल वीवो चाहेगा तो वो टाइटल स्पॉन्सर कर सकेगा।

आईपीएल के टाइटल स्पॉन्सरशिप की दौड़ में सिर्फ पतंजलि ही नहीं है। बल्कि ई-कॉमर्स मार्केट की दिग्गज कंपनी अमेजन, फैंटसी स्पोर्ट्स कंपनी ड्रीम 11 और टीम इंडिया की जर्सी स्पॉन्सर बायजूज भी शामिल है। (एजेंसी, हि.स.)

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