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सड़क हादसों को रोकने सरकार लगा रही राष्ट्रव्यापी मेगा नेत्र जांच शिविर

नई दिल्ली। सड़क हादसों (road accidents)को कम करने के लिए केंद्र सरकार (central government) कई मोर्चा पर एक साथ काम कर रही है। अब केंद्र सरकार (central government) ने ट्रक-बस ड्राइवरों (truck-bus drivers) का दृष्टिदोष दूर करने के लिए राष्ट्रव्यापी मेगा नेत्र जांच शिविर श्रृंखला(Nationwide Mega Eye Checkup Camp Series) शुरू करने का फैसला किया है। इसमें सरकारी और गैर सरकारी संगठनों का सहयोग लिया जाएगा। इसके तहत शहरों-कस्बों में राष्ट्रीय राजमार्गो के किनारे व्यवसायिक वाहन ड्राइवरों की नेत्र जांच(Eye checkup for commercial vehicle drivers) कर नजर के चश्मे दिए जाएंगे। इस फैसले का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाना है।



एक ताजा अध्ययन में सामने आया है कि 40 फीसदी ड्राइवरों की नजर कमजोर हैं, जिनकों सड़क पर 20-30 मीटर दूर का साफ नजर नहीं आता है। यह दीगर बात है कि वह रात में भी 80 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार पर फर्राटा भरते नजर आते हैं। इस गंभीर समस्या को देखते हुए सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने पहली बार श्रृंखलाबद्ध राष्ट्रव्यापी नेत्र जांच शिविर अभियान चलाने का निर्णय लिया है। मंत्रालय ने 26 अक्तूबर को एनआरएससी सहित सभी एनजीओ से इस बाबत प्रस्ताव मांगे हैं, जिसकी अंतिम तारीख 15 नवंबर है। इसके बाद नेत्र जांच शिवर लगाने की श्रृंखला नए साल में जनवरी से शुरू हो जाएगी। इसके मुताबिक राष्ट्रीय राजमार्गो के किनारे शहर-कस्बों, सड़क यात्री सुविधा केंद्र, टोल प्लाजा, ढाबा-पार्किग स्थल आदि स्थानों पर सात दिवसीय शिविर लगाए जांएगे।
नेत्र चिकित्सा विशेषज्ञ वैध ड्राइविंग लाइसेंस धारक ड्राइवरों, सहायकों की आंख की जांच करेंगे और डाक्टर के सुझाव पर नजर के चश्मे-जांच रिपोर्ट दी जाएगी। इसके साथ ही ड्राइवर के हाथ में डीएल, दूसरे हाथ में रिपोर्ट व चश्मा लगी हुई फोटो ली जाएगी। जिसको डाटा बैंक में अपलोड़ किया जाएगा। जिससे अभियान रस्म अदायगी बनकर न रह जाए। मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गैर सरकारी संगठन इंडिया विजन संस्थान के 2020 के अध्ययन में सामने आया है कि 40 फीसदी व्यवसायिक वाहन ड्राइवरों में दृष्टिदोष की समस्या है।
2019-20 में 12 राज्यों में 15000 ड्रावइरों की जांच में 40 फीसदी को धुंधला दिखाई देने की शिकायत मिली, जबकि 30,000 ट्रक ड्राइवरों से पूछताछ में पता चला कि उन्होंने कभी आंख की जांच नहीं कराई। अध्ययन में पता चला है कि हर चौथा ड्राइवर दृष्टिदोष का शिकार है और उसे सड़क पर 20 से 30 मीटर की दूरी पर स्पष्ट नजर नहीं आता है। इसलिए ड्राइवरों की न सिर्फ नियमित नेत्र जांच जरुरी है, बल्कि उनको प्रमाण पत्र भी जारी किया जाना चाहिए। इसे वाहन के अन्य वैध अनिवार्य दस्तावेज में शामिल करने की जरूरत है।

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