डेस्क: अबू धाबी क्रिमिनल कोर्ट ने नफरत फैलाने वाले भाषण का एक वीडियो ऑनलाइन पोस्ट करने के आरोप में एक महिला को दोषी ठहराया है. मामले के तथ्यों के अनुसार, प्रतिवादी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो किल्प पोस्ट की, जिसमें पुरुषों और कामगारों के लिए अपमानजनक शब्द थे, जो सार्वजनिक नैतिकता और मानदंडों के विपरीत थे.
कोर्ट ने प्रतिवादी की मौजूदगी में अपना फैसला सुनाया. अदालत ने आरोपी को पांच साल जेल की सजा सुनाई और 11 लाख का जुर्माना लगाया. कोर्ट ने ने अपराध करने में इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन को भी जब्त करने का आदेश दिया.
कोर्ट के आदेश में मोबाइल फोन को जब्त करना और जिस खाते पर इसे पोस्ट किया गया था उसपर प्रतिबंध लगाना भी शामिल है. इसके अलावा संबंधित वीडियो क्लिप को हटाने का भी कोर्ट ने आदेश दिया है. अबू धाबी में सार्वजनिक अभियोजन ने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से फैले वीडियो क्लिप की जांच शुरू की थी और वीडियो के व्यापक प्रसार के बाद आरोपी की गिरफ्तारी का आदेश दिया था.
जांच पूरी होने के बाद, सार्वजनिक अभियोजन ने आरोपी पर नफरत फैलाने वाले भाषण देने का आरोप लगाया और सक्षम आपराधिक अदालत से अपने रेफरल फैसले में उसे संघीय डिक्री-कानून संख्या (2) के लेखों के अनुसार दंडित करने का अनुरोध किया. भेदभाव और घृणा का मुकाबला करने पर डिक्री-कानून के अनुच्छेद 7 में कहा गया है कि जो कोई भी ऐसा कार्य करेगा जो अभिव्यक्ति के किसी भी तरीके से या किसी भी साधन का उपयोग करके नफरत फैलाने वाले भाषण को उकसाएगा, उसे न्यूनतम पांच साल जेल और जुर्माने की सजा दी जाएगी.
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