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पाकिस्‍तान और अफगानिस्‍तान की सीमा पर भारी गोलीबारी, पाक के कई गांवों पर तालिबान का कब्‍जा, सीमा सील

नई दिल्ली। जिस तालीबान को पाकिस्‍तान ने पाल -पोसकर बड़ा किया। अब वही तालिबान उसके लिए गले की हड्डी बनता जा रहा है। तहरीक-ए – तालीबान पाकिस्‍तान यानी की टीटीपी ने पाकिस्‍तान के खिलाफ जंग छेड़ दी है। अफगानिस्‍तान से सटे तोरखम सीमा पर पाकिस्‍तानी सेना और टीटीपी के बीच भीषण गोलीबारी हो रही है। गोलीबारी की आवाजें सुन वहां मौजूद लोगों में अफरा-तफरी मच गई। अब तक इस गोलीबारी में 4 पाकिस्‍तान के सैनिकों की मौत हो चुकी है। वहीं कई पाक सैनिकों को बंधक बनाने की बात भी सामने आई है। सतर्कता के मद्देनजर पाकिस्‍तान ने तोरखम सीमा को सील कर दिया है।

पाकिस्‍तान के खैबर पख्‍तूनख्‍वा प्रांत के चित्राल जिले में टीटीपी ने बड़े पैमाने पर पाकिस्‍तान की सेना के खिलाफ हमला शुरू कर दिया है। तहरीक- ए- तलिबाब यानी टीटीपी के एक कमांडर ने अफगानिस्‍तान की मीडिया को बताया कि उन्‍होंने पाकिस्‍तान के कई गांवों पर कब्‍जा कर लिया है। फिलाहल वह खराब इंटरनेट की समस्‍या से दो चार हो रहे हैं। इंटरनेट ठीक होते ही कब्‍जे की तस्‍वीरें भी साझा करेंगे।

पाकिस्‍तान एवं अफगानिस्‍तान से आ रही मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दावा किया जा रहा है कि डूरंड लाइन पर पाकिस्‍तान और टीटीपी के लड़ाकों के बीच भीषण लड़ाई जारी है। इसे देखते हुए ही तोरखम सीमा को सील कर दी गई है। हालांकि गांवों पर कब्‍जे की बात से पाकिस्‍तान इंकार कर रहा है। पाक सेना के अधिकारियों का कहना है कि टीटीपी के लड़ाकों ने पाकिस्‍तान के किसी भी क्षेत्र पर कब्‍जा नहीं किया है।


इधर टीटीपी के प्रवक्‍ता मुहम्‍मद खुरासानी बयान जारी कर सीमा क्षेत्र में रहने वाले लोगों से शांति बनाकर रहने की अपील की है। खुरासानी ने कहा है कि उनकी लड़ाई पाकिस्‍तान की सुरक्षा एजेंसियों और सरकार के खिलाफ है। वह किसी तरह का आम लोगों को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे।

ज्ञात हो कि नवंबर 2022 से ही टीटीपी ने पाकिस्‍तानी सेना के खिलाफ जंग छेड़ रखी है। टीटीपी का कहना है कि वह पाकिस्‍तान की सुरक्षा एजेंसियों को हराकर वहां की सरकार को सत्‍ता से उखाड़ फेकेगा। इसके बाद तहरीक ए तालिबान वहां शरिया कानून का पालन करने वाली सरकार बनाएगा। अपने इस मिशन को अंजाम तक पहुंचाने के लिए टीटीपी ने पिछले कुछ महीनों में पाकिस्‍तान के अंदर कई बड़े हमलों को अंजाम दिया है।

टीटीपी को अल- कायदा का करीबी माना जाता है। 2 सितंबर को अफगानिस्‍तान सीमा से लगे कबायली इलाके में पाक सेना ने एक खुफिया आपरेशन को अंजाम दिया था। आपरेशन का मकसद वहां छिपे टीटीपी लड़ाकों को खत्‍म करना था। लेकिन इस मुठभेड़ में पाकिस्‍तानी सेना के एक मेजर और एक सैनिक की मौत हो गई थी। इसके ठीक दो दिन पहले खैबर पख्‍तूनख्‍वा मे टीटीपी के आत्‍मघाती हमले में 9 सैनिक मारे गए थे।

पाकिस्‍तान ने अपनी जमीन पर टीटीपी के किसी भी तरह के कब्‍जे से इंकार कर रहा है। हालांकि उसने इस मुठभेड़ में 4 सैनिकों की मौत की बात कबूली है। टीटीपी और पाक सेना की झड़प पर पाकिस्‍तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर उल हक काकर का बयान भी आया है। उन्‍होंने कहा कि अमेरिका ने अफगानिस्‍तान में जो हथियार छोड़े थे, वह अब तहरीक- ए- तालीबान के उग्रवादियों के हाथ लग गए हैं। हाल ही में टीटीपी ने भी वीडियो जारी कर दावा किया था कि उसके पास लेजर और थर्मल इमेजिंग सिस्‍टम वाली बंदूकें सहित कई हाइटेक हथियार हैं। इस मुठभेड़ के कारण सीमा सील होने से दोनों ओर जरूरत के सामानों से लदे ट्रक खड़े हैं और बॉडर खुलने का इंतजार कर रहे हैं।

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