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ऊंचे कद वाले पुरुषों में रहता है इस बीमारी का ज्‍यादा खतरा, रिसर्च में खुलासा

नई दिल्ली। अच्छी पर्सनैलिटी (personality) के लिए लंबाई को काफी महत्वपूर्ण (important) माना जाता है. लेकिन अब एक नई स्टडी आई है जिसे पढ़कर लंबी हाइट वालों को झटका लग सकता है.

अमेरिकन कैंसर सोसायटी की रिसर्च में यह बात सामने आई है कि छोटी हाइट वालों की तुलना में लंबी हाइट वाले लोगों को एक बीमारी का खतरा सबसे ज्यादा होता है. इस खतरनाक बीमारी (dangerous disease) का नाम है टेस्टिकुलर कैंसर.

टेस्टिकुलर कैंसर पुरुषों के टेस्टिकल्स (अंडकोष) में होने वाला कैंसर है. टेस्टिकल्स पुरुषों के पेनिस के नीचे स्थित होते हैं. इनका काम रिप्रोडक्शन(reproduction) के लिए सेक्स हार्मोन और स्पर्म का प्रोडक्शन करना है. बाकी कैंसर से तुलना की जाए तो टेस्टिकुलर कैंसर (testicular cancer) होने के चांसेस काफी कम होते हैं.

हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, टेस्टिकुलर कैंसर होने पर टेस्टिकल्स में असामान्य कोशिकाएं बढ़ने लगती हैं. यह कैंसर आमतौर पर 15 से 49 साल के पुरुषों में होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है.



यूके की नेशनल हेल्थ सर्विस के एक्सपर्ट्स के मुताबिक, बाकी कैंसर की तुलना में टेस्टिकुलर कैंसर यंग पुरुषों को ज्यादा प्रभावित करता है. कई रिचर्स में यह बात भी सामने आई है कि बाकी देशों के पुरुषों की तुलना में व्हाइट पुरुषों में टेस्टिकुलर कैंसर का खतरा काफी ज्यादा होता है. लेकिन इस बात के कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
कुछ हेल्थ एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि लंबे पुरुषों में टेस्टिकुलर कैंसर (testicular cancer) होने का खतरा ज्यादा होता है. अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के मुताबिक, कुछ स्टडीज में यह पाया गया है कि लंबी हाइट वाले पुरुषों में टेस्टिकुलर कैंसर होने का खतरा ज्यादा होता है.

यूके की कैंसर रिसर्च का कहना है कि इस बात के कई सबूत हैं कि जिन पुरुषों की हाइट नॉर्मल से ज्यादा होती है, उनमें छोटी हाइट वाले पुरुषों की तुलना में टेस्टिकुलर कैंसर होने का खतरा काफी ज्यादा पाया जाता है.

हेल्थ एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि टेस्टिकुलर कैंसर के लिए कई तरह की चीजें जिम्मेदार होती हैं जैसे आप स्मोक करते हैं या नहीं, आपकी लाइफस्टाइल और फैमिली हिस्ट्री.

टेस्टिकुलर कैंसर के शुरुआती लक्षण
– किसी भी एक टेस्टिकल में गांठ बनना या साइज में अंतर

– टेस्टिकल्स में भारीपन महसूस होना

– पेट या कमर से आसपास हल्का दर्द

– टेस्टिकल में फ्लूड इकट्ठा होना.

– टेस्टिकल्स में दर्द

टेस्टिकुलर कैंसर होने पर दोनों में से किसी एक टेस्टिकल ही पर ही लक्षण दिखाई देते हैं.

टेस्टिकुलर कैंसर के कारण
फैमिली हिस्ट्री-
अगर आपके परिवार में कोई व्यक्ति इस कैंसर का शिकार पहले हो चुका है तो आपको समय-समय पर अपनी जांच जरूर करानी चाहिए.

आयु- टेस्टिकुलर कैंसर उम्र पर भी निर्भर करता है. 15 से 49 साल के पुरुषों में टेस्टिकुलर कैंसर होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है.

अनडिसेंडेड टेस्टिकल- इस स्थिति में जन्म के दौरान बच्चे का केवल एक ही टेस्टिकल होता है. आमतौर पर दूसरा टेस्टिकल भी मौजूद होता है लेकिन वह अपनी नॉर्मल जगह की बजाय ऊपर की तरफ शिशु के पेट में रहता है. इसे मेडिकल भाषा में क्रिप्टोरकिडिज्म कहा जाता है. यह समस्या आमतौर पर समय से पहले जन्मे बच्चों में देखी जाती है.

Disclaimer: उपरोक्‍त दी गई जानकारी व सुझाव सिर्फ सामान्‍य सूचना के लिए हैं हम इसकी जांच का दावा नही करते हैं. इन्‍हें अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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