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इंसानों में कैसे पहुंचा कोरोना, वैज्ञानिकों ने शुरुआती जेनेटिक सीक्वेंस के आंकड़ों को खोज निकाला

वाशिंगटन। केवल एक साल पहले ही चीन के वुहान शहर (Wuhan city of China) से कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) के शुरुआती मामलों के आनलाइन वैज्ञानिक डाटाबेस गायब (Online scientific database missing) हो गए थे। उनमें से वायरस के दो सौ से ज्यादा नमूनों के जेनेटिक सीक्वेंसिंग(genetic sequencing) के आंकड़े मिल गए (got the figures) हैं। डिलीट किए जा चुके इन अहम तथ्यों को एक वैज्ञानिक ने गूगल क्लाउड से बहाल कर लिया (Scientist restored from Google Cloud) है। सिएटल के शोधकर्ताओं ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि कोरोना वायरस(Corona Virus) की वास्तविक जेनेटिक सीक्वेंसिंग की 13 फाइलें गूगल क्लाउड से खोज निकाली (13 files of original genetic sequencing discovered from Google Cloud) हैं।
इनके जरिये यह नई जानकारी मिलेगी कि कब और कैसे वायरस चमगादड़ या किसी अन्य जानवर से बाहर निकलकर इंसानों को संक्रमित करने लगा है। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने यह नया विश्लेषण मंगलवार को जारी किया है जिससे पहले के उन सुझावों को बल मिला है कि कोरोना वायरस के विभिन्न प्रकार वुहान में दिसंबर, 2019 में जानवरों और सीफूड मार्केट में संक्रमण से पहले भी इस बंदरगाह शहर में फैले हुए हो सकते हैं।



एरिजोना यूनिवर्सिटी के जीव विज्ञानी माइकल वोरोबे ने बताया कि वह इस शोध में शामिल नहीं हुए, लेकिन वायरस विशेषज्ञ जेसे ब्लूम ने कहा कि नई रिपोर्ट में कई संदिग्ध सीक्वेंस को डिलीट कर दिया गया है। सीक्वेंस के अस्तित्व को ही छिपाने के लिए तथ्यों को दबाया गया है। ब्लूम और वोरोबे ने कहा कि वैश्विक महामारी कैसे शुरू हुई यह पता करने के लिए और भी अध्ययन किए जाने की जरूरत है।
कोविड-19 के वायरस के वायरल नमूनों के जेनेटिक सीक्वेंस का पता चलता है। मई में प्रकाशित शोध पत्र में कहा गया कि इससे पता चलेगा कि इंसानों में बीमारी किसी चमगादड़ से या अन्य किसी जानवर से आई है। इस महामारी की जड़ खोजने में सबसे अहम कड़ी बीमारी के शुरुआती सीक्वेंस हैं।
ब्लूम की इस पड़ताल के दौरान उन्हें मार्च 2020 में प्रकाशित एक शोधपत्र मिला जिसके मुताबिक वुहान यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की ओर से 241 जेनेटिक सीक्वेंस एकत्र किए गए थे। इसे देखकर पता चला कि विज्ञानियों ने ‘सीक्वेंस रीड आरकाइव’ से इन नमूनों को अपलोड किया है। इन नमूनों को वुहान के रेनमिन अस्पताल में काम करने वाले इसी फू ने एकत्र किया था।
चीनी वैज्ञानिकों ने इसे तीन महीने बाद एक जनरल में प्रकाशित किया। इसमें उन्होंने दावा किया कि कोरोना के शुरुआती मरीजों के नाक के स्वैब के 45 नमूनों का अध्ययन करके पाया कि सार्स-कोव-2 के जेनेटिक मैटीरियल के लिए उसके कुछ अवशेषों की खोज की। शोधकर्ताओं ने जींस के वास्तविक सीक्वेंस को प्रकाशित नहीं किया बल्कि बीच से उसके नमूनों को उठा लिया चूंकि शुरुआती डाटा बेस में केवल ‘नो फाइल फाउंड’ मिला।

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