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ICMR प्रमुख बोले -जिन जिलों में 10 प्रतिशत से ज्‍यादा संक्रमण वहां लगाया जाए दो महीने का लॉकडाउन

नई दिल्ली। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद Indian Council of Medical Research (ICMR) के प्रमुख डॉक्टर बलराम भार्गव (Doctor Balram Bhargava) ने देश के ज्यादातर हिस्सों में लॉकडाउन(Lockdown) लगाने की सिफारिश की है. एक इंटरव्यू में डॉक्टर बलराम भार्गव (Doctor Balram Bhargava) ने कहा कि देश के जिन जिलों में संक्रमण दर 10 फीसदी से ज्यादा है, वहां 6 से 8 हफ्ते के लिए लॉकडाउन(Lockdown) लगे रहना चाहिए. मौजूदा वक्त में देश के 718 में से दो तिहाई जिलों में संक्रमण दर 10 फीसदी के ऊपर है. इन इलाकों में नई दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहर भी शामिल हैं.
खबरों के मुताबिक डॉक्टर बलराम भार्गव (Doctor Balram Bhargava) ने महामारी से निपटने के लिए मोदी सरकार(Modi Government) के प्रयासों की आलोचना नहीं की, लेकिन ये माना कि संकट से निपटने में देरी हुई. उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि संक्रमण की दर 10 प्रतिशत से ज्यादा है, इसे स्वीकार करने में देरी हुई है. लेकिन ऐसा हुआ है.”



उन्होंने कहा कि कोविड (Covid-19) पर बने राष्ट्रीय टास्क फोर्स ने 15 अप्रैल को हुई मीटिंग के बाद 10 प्रतिशत से ज्यादा संक्रमण वाले इलाकों में लॉकडाउन का सुझाव केंद्र सरकार को दिया था. हालांकि 20 अप्रैल को राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन को अंतिम विकल्प के रूप में रखने और राज्यों को माइक्रो कंटेनमेंट जोन (Micro Containment Zone) पर फोकस रखने का सुझाव दिया था.

26 अप्रैल को, टास्क फोर्स (Task Force) की मीटिंग के दस दिन बाद गृह मंत्रालय ने राज्यों को पत्र लिखकर संक्रमण से ज्यादा प्रभावित जिलों में सख्त पाबंदियां लागू करने को कहा था, लेकिन ये निर्देश भी सिर्फ 14 दिनों के लिए था. नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ने प्राइवेट तौर पर हुई एक मीटिंग में कहा था कि अप्रैल की शुरुआत में ही कड़ा लॉकडाउन लागू किया जाना चाहिए था.

आईसीएमआर (ICMR) के अधिकारियों ने कहा था कि चिकित्सा परिषद नेताओं को बड़ी-बड़ी रैलियां (Election Rallies) करते और धार्मिक कार्यक्रमों को देखकर विचलित हो गया था. बंगाल सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के दरम्यान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई सारी बड़ी चुनावी रैलियों को संबोधित किया था. रिपोर्ट के मुताबिक आईसीएमआर अधिकारियों ने सरकार की ओर इशारा करते हुए कहा था कि महामारी के खिलाफ हमारा संदेश गलत था, हमारी प्रतिक्रिया परिस्थितियों के मुताबिक नहीं थीं.

हालांकि बलराम भार्गव ने इस बात से इनकार किया कि आईसीएमआर के भीतर नीतिगत मुद्दों पर किसी तरह का मतभेद था. उन्होंने कहा कि नीति निर्माताओं के साथ हमारी सहमति थी, हालांकि उन्होंने सीधे तौर पर नेताओं पर कोई टिप्पणी नहीं कि और कहा कि भारत हो या दुनिया का कोई भी देश, कोरोना जैसी महामारी के समय भीड़ लगाने की अनुमति नहीं दी जा सकती. ये कॉमन सेंस की बात है.

ये पहली बार है, जब डॉक्टर भार्गव जैसे केंद्र सरकार के किसी बड़े अधिकारी ने देश में लॉकडाउन (Lockdown) की अवधि को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. ध्यान रखने वाली बात ये है कि देश के ज्यादातर राज्यों में आवश्यक सेवाओं को छूट के साथ लॉकडाउन चल रहा है. हालांकि केंद्र सरकार (Central Government) ने दूसरी लहर के दौरान लॉकडाउन का ऐलान नहीं किया है.

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