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President Election: ‘अगर राष्ट्रपति बना तो…’, कश्मीर पर यशवंत सिन्हा ने दिया बड़ा बयान


नई दिल्ली: विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने शनिवार को कहा कि अगर वह चुने जाते हैं, तो केंद्र सरकार से कश्मीर मुद्दे को स्थायी रूप से हल करने और क्षेत्र में शांति बहाल करने का आग्रह करेंगे. सिन्हा 18 जुलाई को होने वाले चुनाव से पहले अपने लिए समर्थन जुटाने के लिए श्रीनगर में थे. एएनआई के मुताबिक उन्होंने कहा कि अगर मैं चुना गया… मेरी प्राथमिकताओं में से एक सरकार से कश्मीर मुद्दे को स्थायी रूप से हल करने और शांति, न्याय, लोकतंत्र, सामान्य स्थिति बहाल करने और जम्मू-कश्मीर के प्रति शत्रुतापूर्ण विकास को समाप्त करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का आग्रह करना होगा.

फारूक-महबूबा से बड़ा कोई देशभक्त नहीं
जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की तारीफ करते हुए सिन्हा ने कहा कि देश में इन दोनों नेताओं से बड़ा कोई देशभक्त नहीं है. सिन्हा ने कहा, ‘फारूक साहब, महबूबा जी सहित यहां मौजूद हमारे सभी लोग, देश में उनसे बड़ा देशभक्त नहीं है. अगर ये देशभक्त नहीं हैं, तो हममें से किसी को भी अपने देश के प्रति देशभक्ति का दावा करने का अधिकार नहीं है.’


‘जम्मू-कश्मीर के हालात ठीक नहीं’
सिन्हा ने कहा कि मैं यहां अपने राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के लिए आया हूं. मैं पवित्र अमरनाथ जी गुफा में बादल फटने से प्रभावित लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं. जम्मू कश्मीर के हालात ठीक नहीं हैं. देश भर में नकली तस्वीरों को उजागर किया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर में सबकुछ सामान्य है जो वास्तविकता से बहुत दूर है.

जम्मू-कश्मीर पर सिन्हा का बड़ा बयान
यह अनुचित है कि जम्मू-कश्मीर 2018 से विधानसभा के बिना है जो संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ है. यह अत्यंत खेद की बात है कि भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने धारा 370 से संबंधित मामले की सुनवाई भी शुरू नहीं की है. जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल किया जाना चाहिए और स्वतंत्र होना चाहिए और विधानसभा का निष्पक्ष चुनाव जल्द से जल्द होना चाहिए. मैं जम्मू-कश्मीर में जबरन और हेरफेर करने वाले जनसांख्यिकीय परिवर्तन का विरोध करता हूं.

25 जुलाई को नए राष्ट्रपति लेंगे शपथ
चुनाव आयोग ने 18 जुलाई को 16वें राष्ट्रपति चुनाव की तारीख निर्धारित की है और जरूरत पड़ने पर वोटों की गिनती 21 जुलाई को होगी. रामनाथ कोविंद का उत्तराधिकारी चुनने के लिए सांसदों और विधायकों के कुल 4,809 मतदाता मतदान करेंगे. कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त होगा जिसके बाद 25 जुलाई को नए राष्ट्रपति शपथ लेंगे.

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