इंदौर न्यूज़ (Indore News)

इंदौर में अवैध बाइक टैक्सी

कमर्शियल दोपहिया वाहन ही बन सकती है बाइक टैक्सी, प्राइवेट व्हीकल बना डाले टैक्सी
बाइक टैक्सी कंपनियां उड़ा रहीं नियमों का धज्जियां, न बाइक पर पीली नंबर प्लेट न टैक्सी ड्राइवर का वेरिफिकेशन
इंदौर।
शहर में लोगों की सुविधा के लिए कई बड़ी कंपनियों ने कार टैक्सी (Car Taxi) और रिक्शा (Rickshaw) के बाद बाइक टैक्सी (Bike Taxi) की सुविधा शुरू की है, लेकिन सबसे जरूरी बात यह है कि बाइक टैक्सी (Bike Taxi) के रूप में सिर्फ कमर्शियल कैटेगरी (Commercial Category) में रजिस्टर्ड वाहन (Registered Vehicle) ही जोड़ा जा सकता है। बावजूद इसके शहर में चलने वाली 90 प्रतिशत से ज्यादा बाइक टैक्सी निजी वाहनों के रूप में चल रही हैं। इस ओर परिवहन विभाग (Transport Department) का भी ध्यान नहीं है।


उल्लेखनीय है कि प्रदेश में परिवहन विभाग द्वारा बाइक टैक्सी (Bike Taxi) के लिए अलग से कोई नियम नहीं बनाया गया है। जैसे कई बड़ी ऐप बेस्ड कंपनियां कार और रिक्शा की सुविधा लोगों को देती हैं, वैसे ही अब वे अकेले यात्री के लिए बाइक टैक्सी (Bike Taxi)  की सुविधा भी देने लगी हंै। बाइक टैक्सी (Bike Taxi) , यानी दोपहिया पर एक ड्राइवर आपको लेकर गंतव्य तक पहुंचाएगा। यह काफी तेजी से लोकप्रिय भी हो रही है, क्योंकि इसमें किराया कम है और दोपहिया होने के कारण यह तेजी से कहीं भी पहुंचने के लिए आसान माध्यम है। लेकिन बाइक टैक्सी (Bike Taxi)  की सुविधा देने वाली कंपनियों के लिए यह जरूरी है कि टैक्सी के लिए लागू सभी नियम का बाइक टैक्सी के लिए भी पालन करें। इसमें सबसे जरूरी नियम है वाहन का कमर्शियल कैटेगरी में रजिस्टर्ड होना। अगर वाहन कमर्शियल कैटेगरी में रजिस्टर्ड नहीं है तो उससे टैक्सी जैसी व्यावसायिक सेवा का संचालन नहीं किया जा सकता।


कमर्शियल रजिस्टर्ड होने के साथ वाहन का परमिट और फिटनेस भी जरूरी
परिवहन विशेषज्ञों ने बताया कि वाहन के कमर्शियल कैटेगरी में रजिस्टर्ड होने पर उस पर पीली नंबर प्लेट लगाना जरूरी होता है। इसके साथ ही वाहन का फिटनेस (Fitness) टेस्ट करवाना और परमिट लेना भी जरूरी है। इसके बाद ही किसी वाहन को बाइक टैक्सी (Bike Taxi)  बनाया जा सकता है। लेकिन शहर में सेवा दे रही ज्यादातर कंपनियां बाइक टैक्सी के तहत किसी भी वाहन को जोड़ते समय वाहन के कमर्शियल होने व फिटनेस (Fitness) और परमिट ( Permit) होने की जानकारी तक नहीं ले रही हैं और निजी वाहनों को भी बाइक टैक्सी (Bike Taxi)  के रूप में अपनी कंपनी से जोड़ते हुए लोगों तक ऐसे वाहनों को भेज रही हैं।


चालक का वेरिफिकेशन भी नहीं
शासन के टैक्सी सेवा को लेकर बनाए गए नियमों में यह बात शामिल है कि कोई भी कंपनी किसी वाहन और चालक को टैक्सी सेवा से जोडऩे से पहले वाहन के दस्तावेजों के साथ ही सवारी की सुरक्षा के लिए वाहन चालक का पुलिस वेरिफिकेशन चैक करेगी। लेकिन शहर में चलने वाली ज्यादातर बाइक टैक्सी (Bike Taxi)  में जुडऩे वाले वाहन चालकों से पुलिस वेरिफिकेशन भी नहीं मांगा जा रहा है। ऐसे में कोई आपराधिक तत्व भी आसानी से इस सेवा से जुड़ सकता है। इस तरह कंपनियां लोगों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ भी कर रही हैं।


कंपनियों के लिए नियमों का पालन करना जरूरी
शहर में कुछ कंपनियों ने बाइक टैक्सी (Bike Taxi)  संचालित करने का लाइसेंस लिया है। इन सभी कंपनियों के लिए टैक्सी सेवा के लिए लागू नियमों का पालन करना जरूरी है। इसमें वाहन का कमर्शियल रजिस्टर्ड होना, फिटनेस और परमिट लेना और टैक्सी चालक का वेरिफिकेशन जैसी बातें अनिवार्य हैं। सभी कंपनियों को लाइसेंस देते वक्त ही इसकी जानकारी दी जाती है। अगर कंपनियां नियमों का पालन नहीं कर रही हैं तो विभाग जांच कर इनके खिलाफ कार्रवाई करेगा।
– जितेंद्रसिंह रघुवंशी, आरटीओ, इंदौर

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