इस्लामाबाद। तंगहाल(troubled pakistan) पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Pakistan PM Imran Khan) कोरोना पीड़ितों की मदद के नाम पर अपनी जेब (Filling their pockets in the name of helping Corona victims) भर रहे हैं. यह बात सामने आई है कि उन्होंने प्रभावितों के लिए उपलब्ध राशि में भी हेराफेरी की. दरअसल, कोरोना महामारी (Corona Pandemic) को लेकर खर्च पर एक ऑडिट रिपोर्ट तैयार(prepare audit report) की गई है. जिसमें कहा गया है कि राहत के नाम पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार (Corruption) हुआ है. रिपोर्ट में वित्तीय अनियमितताओं (financial irregularities) के साथ-साथ लोगों के खाने के लिए अनुपयुक्त भोजन के वितरण की बात भी कही गई है.
रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान सरकार द्वारा कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के दौरान किए गए खर्च पर पांच जरूरी चीजों- चीनी, आटा, तेल, घी और चावल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकारी हस्तक्षेप में अनियमितता दिखी है. न्यूज एजेंसी ANI ने ‘अल अरबिया’ की रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि सरकारी ऑडिटर जनरल ने कहा है कि यह घोटाला महामारी के प्रभाव से निपटने के लिए लिए संघर्ष कर रहे जरूरतमंदों और चिकित्सा कर्मचारियों की मदद करने के लिए पब्लिक के पैसों की चोरी का स्पष्ट मामला है.
रिपोर्ट के मुताबिक, अरबों रुपये का ये घोटाला (Scam) काफी बड़ा हो सकता है, शायद इसीलिए इमरान खान सरकार ने सरकारी ऑडिट बॉडी को संबंधित कागजात देने से इनकार कर दिया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह शायद पाकिस्तान के पीएम का सबसे बड़ा घोटाला हो सकता है. रिपोर्ट में गलत खरीद, अयोग्य लाभार्थियों को पेमेंट, नकली बायोमेट्रिक्स के जरिए कैश निकासी और इस्तेमाल के लिए घटिया सामान की खरीद का खुलासा हुआ है.
वहीं, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भी इमरान खान सरकार पर ऑडिट के लिए कोरोना महामारी राहत पैकेज पर खर्च का खुलासा करने का दबाव दिया है. बता दें कि इमरान खान पहले से ही भ्रष्टाचार को लेकर विपक्ष के निशाने पर हैं. अब विपक्ष को उन्हें निशाना बनाने का एक और मौका मिल गया है. विपक्षी पार्टियां यह भी कहती आई हैं कि कोरोना महामारी से निपटने में इमरान सरकार नाकाम रही है. Share: