मुंबई। अभिनेत्री Taapsee Pannu के घर आयकर विभाग ने छापा मारा और उनसे लगातार पूछताछ की जा रही है। आरोप है कि Anurag Kashyap और Taapsee Pannu 650 करोड़ के टैक्स अनियमितता में शामिल हैं। आयकर विभाग ने बॉलीवुड हस्तियों से जुड़े इस मामले में मुंबई, पुणे, दिल्ली और हैदराबाद में सर्च ऑपरेशन किया। शुक्रवार की रात को पुणे में अधिकारियों ने तापसी और अनुराग से पूछताछ की। अब इस पूरे मामले में पहली बार अभिनेत्री ने चुप्पी तोड़ी है और ट्विटर पर अपनी बात रखी है।
तापसी ने एक के बाद एक तीन ट्वीट किए। तापसी लिखती हैं कि ‘मुख्य रूप से तीन चीजों की तीन दिनों तक गहन खोजबीन की गई। 1. ‘कथित’ बंगले की चाबी जो पेरिस में है। क्योंकि गर्मियों की छुट्टियां आने वाली हैं।’
3 days of intense search of 3 things primarily
1. The keys of the “alleged” bungalow that I apparently own in Paris. Because summer holidays are around the corner— taapsee pannu (@taapsee) March 6, 2021
अपने दूसरे ट्वीट में तापसी ने छापे के दूसरे प्वॉइंट के बारे में बताया। वह लिखती हैं कि ‘कथित पांच करोड़ रुपये की रसीद जो भविष्य के लिए है।’ दरअसल अधिकारियों के हवाले से यह दावा किया गया था कि तापसी पन्नू को पांच करोड़ का नकद भुगतान किया गया था और उसकी रसीद उनके घर से मिली है।
2. The “alleged” receipt worth 5 crores to frame n keep for future pitching coz I’ve been refused that money before 😡
— taapsee pannu (@taapsee) March 6, 2021
अपने तीसरे ट्वीट में तापसी ने लिखा कि ‘माननीय वित्त मंत्री के अनुसार 2013 में मेरे यहां छापे पड़े थे। अब सस्ती नहीं रही।’ यहां तापसी ने कंगना पर कटाक्ष किया है क्योंकि कंगना उन्हें कई बार सस्ती कॉपी कह चुकी हैं।
3. My memory of 2013 raid that happened with me according to our honourable finance minister 🙏🏼
P.S- “not so sasti” anymore 💁🏻♀️
— taapsee pannu (@taapsee) March 6, 2021
वित्त मंत्री ने 2013 में भी छापे की कही बात
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अनुराग कश्यप और तापसी पन्नू के आवास और दफ्तरों पर आयकर छापों को लेकर शुक्रवार को कहा, इन लोगों पर 2013 में भी ऐसी ही कार्रवाई हुई थी, मगर तब किसी ने इसे मुद्दा नहीं बनाया, जैसा अब बनाया जा रहा है। मैं किसी पूर्व मामले का जिक्र नहीं करना चाहती, लेकिन जब भाजपा सरकार के कार्यकाल में इस तरह की कार्रवाई की जाती है, तो उस पर सवाल खड़े किए जाते हैं।