नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गांधीनगर स्थित पंडित दीनदयाल पेट्रोलियम विश्वविद्यालय के 8वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि संस्थान से पास होने वाले छात्र देश की नई ताकत बनेंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी के 8वें कॉन्वोकेशन के अवसर पर आप सभी को बहुत बहुत बधाई। आज जो साथी ग्रेजुएट हो रहे हैं, उनको और उनके माता-पिता को भी बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समय था जब लोग सवाल उठाते थे कि इस तरह की यूनिवर्सिटी कितना आगे बढ़ पाएगी, लेकिन यहां के विद्यार्थियों ने, प्रोफेसर्स ने और यहां से निकले प्रोफेशनल्स ने इन सारे सवालों के जवाब दे दिए हैं। आज आप ऐसे समय में इंडस्ट्री में कदम रख रहे हैं, जब महामारी के चलते पूरी दुनिया के ऊर्जा क्षेत्र में भी बड़े बदलाव हो रहे हैं। ऐसे में आज भारत में एनर्जी क्षेत्र में ग्रोथ की, एंटरप्रयोनशिप की, एम्पलॉएमेंट की, असीम संभावनाएं हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि पीडीपीयू ने उद्योग सहित कई क्षेत्रों में अपना विस्तार किया है, उसी प्रकार इसे एनर्जी यूनिवर्सिटी के रूप में तब्दील करें। गुजरात सरकार से मैं इसके लिए अनुरोध करता हूं। इसकी कल्पना मैंने ही की थी. अगर विचार ठीक लगे तो उस पर आगे बढ़िए।
पीएम ने आगे कहा कि आज देश अपने कार्बन फूटप्रिंट को 30-35% तक कम करने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहा है। प्रयास है कि इस दशक में अपनी ऊर्जा ज़रूरतों में नेचुरल गैस की हिस्सेदारी को हम 4 गुणा तक बढ़ाएं। प्रधानमंत्री ने छात्रों से कहा कि एक ऐसे समय में ग्रेजुएट होना जब दुनिया इतने बड़े संकट से जूझ रही है, ये कोई आसान बात नहीं है, लेकिन आपकी क्षमताएं इन चुनौतियों से कहीं ज्यादा बड़ी हैं। समस्याएं क्या हैं, इससे ज्यादा महत्वपूर्ण ये है कि आपका उद्देश्य क्या है, आपकी प्राथमिकता क्या है और आपका प्लान क्या है।
पीएम मोदी ने कहा कि ऐसा नहीं है कि आप अपने जीवन में पहली बार किसी कठिनाई का सामना कर रहे होंगे, ऐसा भी नहीं है कि ये चुनौती भी आखिरी होगी। ऐसा नहीं है कि सफल व्यक्तियों के पास समस्याएं नहीं होतीं, लेकिन जो चुनौतियों को स्वीकार करता है, उनका मुकाबला करता है, उनका समाधान करता है, वो सफल होता है।
पीएम मोदी ने कहा कि जीवन में वही लोग सफल होते है, वही लोग कुछ कर दिखाते है जिनके जीवन में जिम्मेदारी का भाव होता है। विफल वो होते है जो सेंस ऑफ बर्डेन में जीते हैं. जिम्मेदारी का भाव व्यक्ति के जीवन में अवसर की भावना को भी जन्म देता है।
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