वाशिंगटन। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो का कहना है कि भारत ने अमेरिका समेत दुनिया भर के कई देशों का भरोसा अर्जित किया है। भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को चीन से अपनी ओर आकर्षित कर सकता है और चीन की कंपनियों पर अपनी निर्भरता कम कर सकता है।
अमेरिका भारत व्यवसाय परिषद (यूएसआईबीसी) द्वारा आयोजित वार्षिक ‘भारत विचार शिखर सम्मेलन’ को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए पोम्पियो ने कहा कि अमेरिका और भारत जैसे लोकतंत्र का साथ मिलकर काम करना महत्वूपूर्ण है, खासकर तब जब वे चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के द्वारा उत्पन्न चुनौतियों को पहले की तुलना में स्पष्ट तरीके से देख पा रहे हैं। उन्होंने बौद्धिक संपदा अधिकारों के मुद्दे पर चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच कहा, ”हम यह सुनिश्चित करने के लिये साथ मिलकर काम करते हैं कि विश्व बौद्धिक संपदा अधिकार संगठन के चुनाव में किसी ऐसे को जीत मिले, जो संपदा अधिकारों का सम्मान करता हो। यह काफी बुनियादी लगता है।”
पोम्पियो ने कहा कि भारत के पास वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को चीन से आकर्षित करने तथा दूरसंचार, चिकित्सा उपकरणों तथा अन्य क्षेत्रों में चीन की कंपनियों पर निर्भरता कम करने का मौका है। उन्होंने कहा, ”भारत ऐसी स्थिति में है, क्योंकि उसने अमेरिका समेत दुनिया भर के देशों का भरोसा कमाया है।” पोम्पियो ने इस मौके पर यह भी कहा कि भारत को ऐसे माहौल को बढ़ावा देने की जरूरत है, जो अमेरिका के बढ़े निवेश व व्यापार के लिये अधिक खुला हो।
उन्होंने कहा, ”लेकिन जैसा कि मैंने पिछले साल कहा था कि इन वांछित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये भारत को ऐसे वातावरण को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता होगी, जो व्यापार और निवेश को बढ़ाने के लिये अधिक खुला हो। मुझे पता है कि यह संभव है क्योंकि भारतीय और अमेरिकी लोग कड़ी मेहनत व उद्यमशीलता की भावना साझा करते हैं, और मुझे विश्वास है कि हमारी साझेदारी केवल मजबूत से और मजबूत ही हो रही है।”
दरअसल, पोम्पियो की यह टिप्पणी ऐसे समय आयी जब भारत और अमेरिका आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिये व्यापार को लेकर मतभेद दूर करने के उद्देश्य से सीमित व्यापार सौदे पर बातचीत कर रहे हैं। भारत कुछ इस्पात और एल्यूमीनियम उत्पादों पर अमेरिका द्वारा लगाये गये उच्च शुल्क से छूट देने, सामान्यीकृत प्रणाली (जीएसपी) के तहत कुछ घरेलू उत्पादों को निर्यात लाभ फिर से शुरू करने और कृषि, वाहन, वाहनों के कल-पुर्जे व इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों से अपने उत्पादों के लिये अधिक बाजार पहुंच उपलब्ध कराने की मांग कर रहा है।
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