नई दिल्ली (New Delhi)। इजरायल-हमास संघर्ष (Israel–Hamas conflict) के कारण भारत-पश्चिम एशिया – यूरोप आर्थिक गलियारा परियोजना में देरी और जटिलताएं पैदा हो सकती हैं। थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने यह बात कही।
थिंक टैंक के मुताबिक संघर्ष के चलते समझौते के अहम भागीदार सऊदी अरब ने इस्राइल के साथ राजनयिक संबंधों को सामान्य करने की दिशा में उठाए जा रहे कदमों को रोक दिया है।
अगर इन दोनों के बीच राजनयिक संबंध सामान्य नहीं होते हैं, तो गलियारे से जुड़ी परियोजनाओं को क्रियान्वित करना मुश्किल हो जाएगा। इसमें देरी के गंभीर भू-राजनीतिक नतीजे होंगे। जीटीआरआई के सह-संस्थापक अजय श्रीवास्तव का कहना है कि युद्ध की स्थिति में दोनों देशों के बीच बातचीत पटरी से उतर सकती है।
फिलहाल, संघर्ष इस्राइल और गाजा तक ही सीमित है, लेकिन यह आगे भी बढ़ सकता है। बता दें, आईएमईईसी पर पिछले महीने जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत में सहमति बनी थी। इसे चीन की बेल्ट एंड रोड परियोजना का जवाब माना जा रहा है।
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