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 Indian Economy 9.2 फीसदी की दर से कर रही ग्रोथ

नई दिल्ली । नीति आयोग (NITI Aayog) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) अमिताभ कांत ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ( Indian Economy ) 9.2 फीसदी की दर से ग्रोथ कर रही है और आने वाले वर्षों में भी वृद्धि की यह रफ्तार बरकरार रहने की उम्मीद है.

सरकार के उभरते क्षेत्रों के लिये प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव ( PLI Scheme ) योजना का जिक्र करते हुए कांत ने कहा कि इससे अगले पांच साल में देश के उत्पादन में 520 अरब डॉलर का इजाफा होगा और भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बनेगा.

कांत ने एआईएमए (ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन) के एक कार्यक्रम में कहा, भारत आज अभूतपूर्व स्तर के आर्थिक विकास और तकनीकी बदलावों को देख रहा है. अर्थव्यवस्था 9.2 प्रतिशत की दर से वृद्धि कर रही है और आने वाले वर्षों में भी वृद्धि की यह रफ्तार बरकरार रहने की उम्मीद है. इसके साथ हम दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में तीव्र आर्थिक वृद्धि हासिल करने वाले देशों में से एक हैं.



उन्होंने कहा कि देश ने दक्षता को अधिकतम करने के लिए कई उपाय किये हैं. सरकार ने इसके लिये कई सुधार किये हैं, जिसमें माल एवं सेवा कर (GST), इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC), कॉरपोरेट करों (Corporate Tax) को कम करना आदि शामिल हैं.

नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि इससे भारत को दुनिया में विनिर्माण के क्षेत्र में चैंपियन बनाने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि सरकार ने ढांचागत क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिये नेशनल इंफ्रा एसेट मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (National infra asset monetisation pipeline) और पीएम गतिशक्ति (PM Gati Shakti) जैसे योजनाएं शुरू की है.

कांत ने कहा, इन दोनों योजनाओं के संयुक्त प्रभाव से देश में सरकार और निजी क्षेत्र-दोनों की भागीदारी से वैश्विक स्तर की ढांचागत परियोजनाएं तैयार होंगी.

उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में सफलता के लिये टेक्नोलॉजी को अपनाना जरूरी है. भारत पहले ही टेक्नोलॉजी के लिये एक उपयुक्त इकोसिस्टम तैयार करने में सफल रहा है. आज देश में 81.4 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ता और 85 यूनिकॉर्न (एक अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन वाले स्टार्टअप) हैं.भारत अभी तक एकमात्र बड़ा और प्रमुख देश है, आईएमएफ (IMF) ने जिसका वृद्धि अनुमान 2022-23 के लिए बढ़ाया है.

बता दें कि आईएमएफ ने वर्ष 2022 के लिए अपने वैश्विक वृद्धि अनुमान को घटा दिया है. भारत के लोगों के लचीलेपन और उसकी नीति निर्माण की दूरदर्शिता के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था के 2022-23 में दुनिया के बड़े देशों के बीच सबसे तेजी से बढ़ने का अनुमान है, जबकि यह 2020-21 में 6.6 प्रतिशत घटी थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि आम बजट 2022-23 ने पिछले बजट में तय दिशा को मजबूत किया है.

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