इंदौर। रामनवमी के दिन इंदौर (Indore) के स्नेह नगर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर (Beleshwar Mahadev Jhulelal Temple) की बावड़ी (Bawadi) की छत धंसने से पूजा-पाठ कर रहे 36 भक्तों की बावड़ी (Stepwell) में गिरने से मौत हो गई। कांग्रेस अब इस मामले में हाईकोर्ट पहुंची है। कांग्रेस ने शहर के कुएं और बावड़ियों सहित कुल 609 जलाशयों पर से अवैध निर्माण हटाने और घटना की मजिस्ट्रियल जांच के स्थान पर उच्च न्यायलय (high Court) के सिटिंग जज से ज्यूडिशियल जांच कराने तथा दोषियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर आज उच्च न्यायलय में जनहित याचिका दायर की है। इस पर संभवतः आगामी दो से तीन दिनों में सुनवाई हो सकती है।
वहीं शासन द्वारा मामले की मजिस्ट्रियल जांच (magisterial inquiry) के आदेश तथा ट्रस्ट के पदाधिकारियों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया गया है। घटना का संज्ञान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लेने पर मुख्यमंत्री ने तुरंत ही घटना स्थल पर आकर मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए थे। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ भी विगत दिनों घायलों से मिले थे तथा न्यायालीन कारवाई की चेतावनी दी थी, मजिस्ट्रियल जांच के चलते नगर निगम द्वारा दिनांक 3 अप्रैल को अवैध निर्माण तोड़ने की कारवाई की गई।
यचिकाकर्ता पूर्व पार्षद दिलीप कौशल ने याचिका में इंदौर नगर निगम पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इसमें कहा गया है कि नगर निगम ने पूर्व में किए सर्वे में शहर सीमा में कुओं एवं बावड़ियों सहित 609 जलाशय पर अतिक्रमण एवं अवैध निर्माण पर हजारों नोटिस देने के बाद भी कार्रवाई नहीं की गई। इसमें कहा है कि इस मामले में नगर निगम के दोषी अफसरों की जांच उच्च न्यायालय के सिटिंग जज से करवाई जाए।
कौशल ने बताया की विगत दिनों हुई दर्दनाक घटना के बाद सामने आए तथ्यों ने नगर निगम एवं प्रशासन की पोल खोल कर रख दी है। सरकार एक तरह स्मार्ट सिटी की नाम पर करोड़ों रुपए के विकास कार्यों का दावा कर रही है जबकी वास्तविकता में स्मार्ट सिटी और छह बार के नंबर वन शहर इंदौर में सुरक्षा, पार्किंग और आपदा से निपटने की लिए पर्याप्त संसाधन ही नहीं हैं।
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