इंदौर न्यूज़ (Indore News)

इंदौर में भाजपा के घोषणा पत्र को लेकर इंदौर के प्रबुद्धजनों ने दिए कई सुझाव

  • हर वार्ड मेें हो खेल मैदान, और निगम में हर क्षेत्र का एक्सपर्ट

इन्दौर। भाजपा ने चुनावी तैयारियों के तहत कल शहर के प्रबुद्धजनों को बुलाकर शहर के विकास के बिंदुओं पर चर्चा की और पूछा कि भाजपा के घोषणा पत्र में क्या-क्या शामिल किया जाए। करीब डेढ़ घंटे तक भाजपा की चुनाव संचालक समिति के प्रदेश संयोजक एवं पूर्व गृहमंत्री उमाशंकर गुप्ता के समक्ष शहर के विभिन्न व्यापारिक, सामाजिक एवं रचनात्मक संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने सुझाव दिए। इनमें अधिकांश ने ट्रैफिक सुधार को लेकर बात कही तो दूसरे नंबर पर हर वार्ड में खेल मैदान और तीसरे नंबर पर निगम के विभागों में एक्सपर्ट को शामिल करने का सुझाव प्रमुख रहा।
कल शाम एबी रोड स्थित एक होटल में गुप्ता के साथ-साथ सांसद शंकर लालवानी और भाजपा के नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे की मौजूदगी में विभिन्न संगठनों ने सुझाव दिए। यह पहला मौका था, जब नगरीय निकाय चुनावों के पहले भाजपा हर जिले में जाकर वहां के प्रबुद्धजनों से अपने घोषणा पत्र को लेकर सुझाव मांग रही है। इनमें से जो सुझाव प्रदेश स्तरीय घोषणा पत्र के होंगे, उन्हें उसमें शामिल कर लिया जाएगा और स्थानीय सुझावों को जिलों के घोषणा पत्र में शामिल करेंगे। बैठक में आयोजन समिति की दिव्या गुप्ता, टीनू जैन, चंदू माखीजा, राजेश अग्रवाल के साथ-साथ पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता भी मौजूद थे।
ये सुझाव दिए प्रबुद्धजनों ने
बैठक में अधिकांश संगठनों ने शहर को ट्रैफिक में नंबर वन बनाने और शहर की ट्रैफिक इंजीनियरिंग पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा, ताकि महानगर बनते जा रहे शहर में ट्रैफिक की समस्या खत्म हो।
महिलाओं की सुरक्षा के लिए शहर से पूरी तरह से नशे का खात्मा हो।
बच्चों के लिए शहर में पर्याप्त खेल मैदान नहीं है। प्रत्येक वार्ड में एक खेल मैदान जरूर हो, ताकि बच्चों का शारीरिक विकास हो।
हर वार्ड के बगीचों में वॉकिंग ट्रैक हो और वहां सुबह-शाम संगीत की स्वर लहरियां भी गूंजें। इनमें भजन और शास्त्रीय संगीत शामिल हो।
प्लास्टिक पाउच का इस्तेमाल बिलकुल ही बंद हो।
– निगम के विभागों में एक्सपर्ट को शामिल किया जाए या ऐसी कोई समिति बनाई जाए, जिसमें उस क्षेत्र के विशेषज्ञ शामिल हों।
– नई सडक़ के निर्माण के पहले वहां ड्रेनेज, बिजली, गैस, पानी की लाइन की व्यवस्था हो, ताकि बाद में उसे खोदकर जनता का पैसा बर्बाद न हो।
– निगम के अधिकारियों का हर दो से तीन महीने में आम व्यक्ति के साथ संवाद होना चाहिए, ताकि आम लोगों की भी भागीदारी इसमें शामिल हो।
– निगम की गोशाला आदर्श बने और वहां गोमूत्र से फिनाइल और पेस्टिसाइड बनाई जाए।
– परिषद बनने के बाद पार्षदों को प्रशिक्षित होना चाहिए, ताकि उन्हें यह भी जानकारी हो कि वार्ड के विकास के लिए फंड कहां से मिले।
– सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं, ताकि नाइट शिफ्ट में काम करने वाली महिलाएं आधी रात को भी अपने घर आसानी से जा सकें।
– स्वास्थ्य को लेकर आईएमए के डॉक्टरों का प्रतिनिधित्व निगम में शामिल हो।
– इंदौर की इंडस्ट्री से 12 करोड़ रुपए टैक्स आता है, लेकिन औद्योगिक क्षेत्रों के हाल बेहाल हैं। यहां सडक़ व इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
– शहर के बड़े बाजारों में पार्किंग की व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाए। सडक़ें तो चौड़ी हो गईं, लेकिन उसका फायदा लोगों को नहीं मिला।
– बिल्डरों को वन विंडो स्कीम का फायदा दिलाया जाए। यह स्कीम तो बन गई, लेकिन इसका फायदा अब तक नहीं मिला।
– शहर के लोगों में ओबेसिटी बढ़ रही है। निगम ऐसा छोटा स्टेडियम या जॉगिंग ट्रैक बनाए, जहां लोग व्यायाम करने आएं।
– कमलनाथ सरकार द्वारा चेरिटेबल संस्थाओं पर संपत्तिकर लगाया गया था, उसे समाप्त करें।
– शहर में पहले 60 प्रतिशत हरियाली थी, लेकिन अब 20 प्रतिशत ही बची है। प्लांटेशन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है, ताकि हरियाली का लेवल कम न हो।
– शहर के पुराने क्षेत्रों को स्मार्ट बनाने के बजाय उनका स्वरूप प्राचीन ही रखा जाए, ताकि इंदौर की मूल पहचान समाप्त न हो।
– नगर निगम में कमेटी बने, जिसमें इंदौर के लेागों की विकास में राय ली जाए।
– इंदौर में सरकारी स्कूलों की हालत खराब है, उन्हें समाजसेवी संस्थाओं को गोद देना चाहिए।
– कोरोना जैसी बीमारियों की जांच के लिए इंदौर में निगम के सहयोग से स्टेट रेफरेंस लैब बनना चाहिए।
– अब महानगर के हिसाब से योजनाएं बनाई जाना चाहिए और बीआरटीएस के बजाय ओवरब्रिज को महत्व दिया जाना चाहिए।

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