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‘चीन से ‘आजादी’ के लिए भारत-यूएस संबंध मजबूत करने जरूरी, विवेक रामास्वामी ने की PM मोदी की तारीफ

वॉशिंगटन। अमेरिका (America) में अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव (presidential election) के लिए अपनी दावेदारी पेश कर रहे भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी (Vivek Ramaswamy) का कहना है कि भारत और अमेरिका के मजबूत संबंध, अमेरिका की चीन पर निर्भरता खत्म कर सकते हैं। विवेक रामास्वामी अमेरिका के भारत (India) के साथ रणनीतिक संबंध (strategic relationship) भी मजबूत करने के समर्थक हैं। विवेक रामास्वामी इन दिनों अपने चुनाव प्रचार के लिए आयोवा राज्य के दौरे पर हैं। आयोवा में मीडिया के साथ इंटरव्यू में विवेक रामास्वामी ने कहा कि अमेरिका और भारत के मजबूत संबंध, अमेरिका की चीन पर निर्भरता को खत्म कर सकते हैं। अमेरिका अभी आर्थिक रूप से चीन पर निर्भर है लेकिन भारत के साथ संबंध मजबूत करके अमेरिका चीन पर निर्भरता से आजाद हो सकता है।

‘अंडमान में सैन्य संबंध मजबूत करने की जरूरत’
रामास्वामी ने कहा कि ‘अमेरिका को भारत के साथ अंडमान निकोबार में भी सैन्य संबंध मजबूत करने चाहिए ताकि जरूरत पड़ने पर चीन को मलक्का स्ट्रेट में ब्लॉक किया जा सके।’ बता दें कि चीन जो मध्य पूर्व के देशों से तेल की खरीद करता है तो उसके जहाज मलक्का स्ट्रेट से ही होकर गुजरते हैं। रामास्वामी ने कहा कि भारत के साथ इन क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना अमेरिका के हित में होगा। रामास्वामी ने पीएम मोदी की भी तारीफ की और कहा कि ‘मुझे लगता है कि वह (पीएम मोदी) भारत के लिए अच्छे नेता हैं और मैं उनके साथ मिलकर भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करना चाहता हूं।’


विवेक रामास्वामी अमेरिका के अगले राष्ट्रपति की रेस में सबसे युवा उम्मीदवार हैं। 38 वर्षीय रामास्वामी एक अरबपति बिजनेसमैन हैं और वह रोइवंत साइंसेज नामक बायोटेक कंपनी के संस्थापक हैं। बीती 23 अगस्त को मिलवाउकी, विंस्कोसिन में हुई पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट के बाद रामास्वामी की लोकप्रियता में जबरदस्त उछाल आया है। डिबेट के दौरान वह अन्य रिपब्लिकन उम्मीदवारों पर भारी पड़े और डिबेट के बाद रामास्वामी को चुनाव प्रचार के लिए मिलने वाले चंदे में भी गजब का उछाल आया है। फिलहाल रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से रामास्वामी ट्रंप के बाद दूसरे नंबर के उम्मीदवार बनकर उभरे हैं।

यूक्रेन युद्ध में अमेरिका के उलझने के खिलाफ हैं रामास्वामी
विवेक रामास्वामी यूक्रेन युद्ध में अमेरिका के उलझने के भी खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका की विदेश नीति की सबसे बड़ी चुनौती है कि हम अपनी जमीन को सुरक्षित नहीं कर रहे हैं और हम जो लड़ाइयां लड़ रहे हैं, उनसे अमेरिका के हितों को फायदा नहीं होगा। रामास्वामी ने कहा कि मुझे लगता है कि अमेरिका लगातार यूक्रेन युद्ध में उलझकर गलती कर रहा है। इससे अमेरिका के हित नहीं सधेंगे। हमें वामपंथी चीन पर फोकस करना चाहिए और वही अभी अमेरिका के लिए सबसे बड़ा खतरा है।

आर्थिक रूप से चीन पर निर्भर अमेरिका
उल्लेखनीय है कि चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और अमेरिका में सबसे ज्यादा आयात भी चीन से ही आता है। बीते साल अमेरिका और चीन के बीच का व्यापार सबसे ज्यादा 690 बिलियन डॉलर रहा। अमेरिका ने चीन से बीते साल 536 अरब डॉलर का सामान निर्यात किया, जो कि कुल आयात का 17 प्रतिशत है। अमेरिका ने भी चीन को 154 बिलियन डॉलर का निर्यात किया। अमेरिकी कंपनियां भी चीन में बड़े पैमाने पर मैन्युफैक्चरिंग कर रही हैं।

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