नई दिल्ली: संसद की सुरक्षा में चूक मामले को लेकर विपक्ष ने शीतकालीन सत्र में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग की थी. इस दौरान विपक्ष की ओर से कार्यवाही में व्यवधान डालने के लिए लोकसभा और राज्यसभा से 146 सांसदों को निलंबित कर दिया गया. इस दौरान उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ पर टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी की मिमिक्री ने विवाद को हवा दे दी थी, जिसके बाद से मामला और गरमा गया. इस सबके बाद अब कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने पार्टी का रूख स्पष्ट किया.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, जयराम रमेश ने कहा कि राज्यसभा के सभापति की ओर से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को 2-3 पत्र लिखे हैं. इन सभी पत्रों का जवाब भी मल्लिकार्जुन खरगे की तरफ से दिया गया है. जहां तक सोमवार (25 दिसंबर) को सभापति से मिलने का सवाल है तो वह आज नहीं मिल पाएंगे, क्योंकि वह दिल्ली से बाहर हैं. वह अगले 2-3 दिनों में सभापति से मुलाकात करेंगे.
उन्होंने यह भी कहा कि हमारी लड़ाई सभापति के खिलाफ नहीं बल्कि सत्ता पक्ष के खिलाफ है. स्पीकर और सभापति संवैधानिक प्राधिकारी हैं और हम उनका पूरा सम्मान करते हैं.
उन्होंने कहा कि सरकार को मन बनाना चाहिए कि वो सदन चलाना चाहते हैं या नहीं. विपक्ष को मौका देना चाहते हैं या नहीं. यह असली मुद्दा है. हमारी सिर्फ इतनी मांग है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पीएम मोदी सुरक्षा उल्लंघन मुद्दे पर बयान देना चाहिए. वह सदन को नजरंदाज करके बाहर वक्तव्य दे रहे हैं. वह 13 दिसंबर के संसद कांड पर सदन में जवाब देने से लगातार बच रहे हैं.
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार (24 दिसंबर) को एक समारोह के दौरान कहा था, ”मैं पीड़ित हूं. पीड़ित जानता है कि अंदर से कैसे झेलना है. सभी अपमान, सभी अनादर को झेल लें- हम भारत माता की सेवा में हैं. आपको ईमानदारी और उच्च मानक दिखाने होंगे.” खुद को पीड़ित बताते हुए धनखड़ परोक्ष रूप से उस घटना का जिक्र कर रहे थे, जहां संसद के नए भवन की सीढ़ियों पर लोकसभा के एक विपक्षी सदस्य ने उनकी नकल की थी.
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