
नई दिल्ली। संकट में फंसी एयरलाइन कंपनी जेट एयरवेज फिर से उड़ान भरने के लिए तैयार है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की मुंबई बेंच ने कुछ शर्तों के साथ जेट एयरवेज के लिए कालरॉक कैपिटल और मुरारी लाल जालान के रिजॉल्यूशन प्लान को मंजूरी दे दी है। मालूम हो कि जेट एयरवेज का परिचालन 18 अप्रैल 2019 से बंद है।
90 दिनों तक एजेंसियों से लेनी है जरूरी मंजूरियां
कालरॉक कैपिटल और मुरारी लाल जालान को 90 दिनों के भीतर संबंधित एजेंसियों से जरूरी मंजूरियां लेनी हैं। अक्तूबर 2020 में जेट एयरवेज को फिर से खड़ा करने के लिए कालरॉक कैपिटल और मुरारी लाल जालान की बोली को ऋणदाताओं की मंजूरी मिल गई थी। लेकिन इन दोनों कंपनियों के पास एयरलाइन संचालन का अनुभव नहीं है। कालरॉक कैपिटल ब्रिटेन की एसेट मैनेजमेंट कंपनी है। वहीं मुरारी लाल जालान यूएई के उद्यमी हैं।
1,375 करोड़ रुपये कैश निवेश करने का प्रस्ताव
रिजॉल्यूशन प्लान के अनुसार, सफल बोलीकर्ता ने जेट एयरवेज के रिवाइवल के लिए 1,375 करोड़ रुपये कैश निवेश करने का प्रस्ताव रखा है। इसमें कहा गया है कि एनसीएलटी की मंजूरी मिलने के बाद छह महीने के भीतर 30 एयरक्राफ्ट्स के साथ एयरलाइन फिर से कामकाज शुरू कर देगी।
2019-20 में हुआ 2841 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा
जेट एयरवेज को मार्च 2020 को समाप्त वर्ष में एकल आधार पर 2,841.45 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। कंपनी की विमान सेवा करीब दो साल से स्थगित है। कंपनी ने बीएसई को दी सूचना में कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान कंपनी की कुल आय 354.2 करोड़ रुपये रही। इससे पूर्व वित्त वर्ष 2018-19 में कंपनी को 5,535.75 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। कंपनी ऋण शोधन प्रक्रिया से गुजर रही है।
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