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‘जिनपिंग की तिब्बत यात्रा भारत के लिए खतरा’, अमेरिकी सांसद ने किया आगाह

न्यूयॉर्क: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अरुणाचल प्रदेश से सटे रणनीतिक रूप से अहम तिब्बती शहर न्यिंगची का दौरा कर सबको चौंका दिया था. वह पहले चीनी राष्ट्रपति हैं जिन्होंने तिब्बत का दौरा किया है. शी जिनपिंग ने तिब्बती शहर न्यिंगची का बीते बुधवार को दौरा किया था.

साथ ही शीर्ष सैन्य अधिकारियों से मुलाकात की थी और तिब्बत में विकास परियोजनाओं की समीक्षा की थी. लेकिन एक अमेरिकी सांसद ने शी जिनपिंग के तिब्बत दौरे को भारत के लिए खतरा करार दिया है. अमेरिका के प्रभावशाली रिपब्लिकन सांसद डेविड नुनेस ने कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का पिछले सप्ताह तिब्बत के दौरे पर जाना भारत के लिए एक खतरा है.

एक समाचार एजेंसी के मुताबिक, डेविड नुनेस ने फॉक्स न्यूज के साथ एक इंटरव्यू में कहा, चीनी तानाशाह शी जिनपिंग ने पिछले सप्ताह भारत की सीमा के पास तिब्बत का दौरा करके अपनी जीत का दावा किया. मुझे लगता है कि पिछले 30 साल में यह पहली बार है, जब चीनी तानाशाह तिब्बत गए हों. यह एक अरब से अधिक की आबादी वाले और परमाणु शक्ति से सम्पन्न भारत के लिए एक खतरे की बात है. भारत के लिए यह खतरे की बात है कि वह एक बड़ी जल परियोजना विकसित करने वाले हैं, जिससे भारत की जल सप्लाई बाधित हो सकती है.’


न्यिंगची की यात्रा के दौरान शी जिनपिंग ब्रह्मपुत्र नदी घाटी में पारिस्थितिक संरक्षण का जायजा लेने के लिए न्यांग रिवर ब्रिज गए थे. इसे तिब्बती भाषा में यारलुंग ज़ंगबो कहा जाता है. न्यिंगची, तिब्बत में एक प्रांत स्तर का शहर है जो अरुणाचल प्रदेश की सीमा से सटा हुआ है. चीन, अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताता है, जिस दावे को भारत ने हमेशा मजबूती से खारिज किया है. भारत-चीन के बीच 3,488 किलोमीटर की लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर सीमा विवाद है.

अमेरिकी सांसद ने कहा कि हकीकत यह है कि चीन आगे बढ़ रहा है और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का प्रशासन उसे हर वह चीज करने दे रहा है, जो वह चाहता है. चीन पर तिब्बत में सांस्कृतिक और धार्मिक स्वतंत्रता को दबाने के आरोप हैं, लेकिन चीन आरोपों को खारिज करता आया है. शी जिनपिंग ने भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में पिछले साल मई से शुरू सैन्य गतिरोध के बीच यह दौरा किया है.

तिब्बत का न्यिंगची शहर जून में उस समय चर्चा में आया था जब चीन ने वहां अपनी पहली बुलेट ट्रेन का संचालन शुरू किया था. इस बुलेट ट्रेन की रफ्तार 160 किमी प्रति घंटा है और यह 435.5 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली सिंगल-लाइन विद्युतीकृत रेलवे पर चलती है. यह लाइन 435 किलोमीटर लंबी है. यह हाई-स्पीड ट्रेन मुख्य चीन के सभी 31 प्रांतीय शहरों से होकर गुजर रही है. हालांकि, जिस तेजी से चीन अरुणाचल की सीमा तक अपने बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रहा है, भारत की चिंता बढ़ती जा रही है.

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