
नई दिल्ली । बिहार विधानसभा चुनाव(Bihar Assembly Elections) में महागठबंधन(Grand Alliance) के बीच की खींचतान(tug-of-war) ने अब झारखंड की राजनीति(Jharkhand politics) में भी हलचल ला दिया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने स्पष्ट संकेत दिया है कि वह झारखंड में गठबंधन की गंभीरता से समीक्षा करेगा। झामुमो अध्यक्ष सह सीएम हेमंत सोरेन बिहार चुनाव के बाद गठबंधन की समीक्षा कर आगे का निर्णय लेंगे। सूत्रों के अनुसार हेमंत को राजद का राजनीतिक आचरण नागवार गुजरा है। वे पार्टी तथा कार्यकर्ताओं के सम्मान के लिए नई रणनीति बना सकते हैं।
झामुमो के केंद्रीय महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने मंगलवार को कहा कि महागठबंधन के प्रमुख घटक दलों ने झामुमो को आखिरी समय तक गुमराह किया। बिहार में सम्मानजनक भागीदारी नहीं मिली। झामुमो बिहार की छह सीटों पर लड़ने का ऐलान कर चुका था, गठबंधन धर्म निभाते हुए पार्टी ने उम्मीदवार नहीं उतारने का निर्णय लिया। बिहार में झामुमो को दरकिनार किया गया, जबकि झारखंड में हमने हमेशा सहयोगियों को पूरा सम्मान दिया। राजद और कांग्रेस का जो सियासी आचरण बिहार में दिखा, वह गठबंधन के लिए चिंता का विषय है। हेमंत सोरेन झारखंड में गठबंधन की समीक्षा करके निर्णय लेंगे।
जेएमएम नेता याद दिलाते हैं कि 2019 में झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन में झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान राजद को सात सीटें दी गई थीं। राजद केवल एक सीट जीता फिर भी हेमंत सोरेन ने गठबंधन धर्म निभाते हुए राजद कोटे से सत्यानंद भोक्ता को पूरे पांच साल मंत्री बनाए रखा और उचित सम्मान दिया गया। 2024 में भी झामुमो ने राजद के प्रति यही रुख अपनाया। चार सीटों देवघर, गोड्डा, विश्रामपुर और हुसैनाबाद में जीतने के बावजूद राजद के एक विधायक संजय प्रसाद यादव को मंत्री बनाया गया।
आगे की रणनीति होगी तय
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि झामुमो के इस रुख से झारखंड में गठबंधन की सियासत पर दूरगामी असर दिख सकते हैं। यदि झामुमो बिहार चुनाव में तटस्थ रहता है तो महागठबंधन को नुकसान उठाना पड़ सकता है। झामुमो प्रवक्ता पांडेय ने कहा कि पार्टी अब भी विपक्षी एकता की पक्षधर है, पर बिहार का अनुभव बताता है कि गठबंधन की कार्यप्रणाली की समीक्षा जरूरी है। बहरहाल, झामुमो के इस बयान ने झारखंड की राजनीति में नई सुगबुगाहट पैदा कर दी है। माना जा रहा है कि हेमंत सोरेन बिहार प्रकरण पर गहराई से विचार के बाद गठबंधन पर रणनीति तय करेंगे।
प्रतिकार होगा: सुदिव्य
मंत्री व झामुमो नेता सुदिव्य कुमार ने गिरिडीह में कहा कि यदि झामुमो को सीट नहीं देना था, तो पहले ही स्पष्ट कर देना चाहिए था। हमें जानबूझकर गुमराह किया गया। बिहार में झारखंडी हितों के साथ विश्वासघात हुआ है। हम इसे भूलेंगे नहीं। साफ कर देना चाहते हैं कि झामुमो आदिवासियों की मजबूत आवाज है। इसे दबाने की कोशिश की गई है, जिसका प्रतिकार होगा।
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