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ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया दावा, ‘2030 तक ड्रोन बनाने के मामले में दुनिया में नंबर वन हो जाएगा भारत’


नई दिल्ली: केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने शुक्रवार को कहा कि भारत (India) 2030 तक ड्रोन बनाने में विश्व में सबसे अग्रणी राष्ट्र बन जाएगा. उन्होंने कहा कि इसको लेकर नींव तैयार कर दी गई है. हैदराबाद में विंग्स इंडिया 2022 (WINGS INDIA 2022) में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए सिंधिया ने कहा कि बेड़े के आकार, एयरपोर्ट्स और नए रूट्स के अलावा, भारत मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉल (MRO), कार्गो, उड़ान और प्रशिक्षण संगठन (FTO) और ड्रोन (Drones) के इकोसिस्टम का भी विस्तार करेगा.

उन्होंने कहा, ‘मैं भारत में बेड़े के आकार, विमान, हवाई अड्डों के निर्माण, नए मार्गों और विस्तार पारिस्थितिकी तंत्र में वृद्धि के लिए बहुत आशावादी हूं, फिर चाहे वह एमआरओ, कार्गो, एफटीओ और ड्रोन हो.’ ड्रोन सेक्टर में भारत की कैपेसिटी और डेवलपमेंट की संभावनाओं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के दृष्टिकोण का हवाला देते हुए केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा, ‘पीएम ने कहा है कि भारत में साल 2030 तक ड्रोन के क्षेत्र में वैश्विक नेता बनने की क्षमता है. नीति, प्रोत्साहन और मांग के नजरिए के आधार और जड़ों को मजबूती से रखा जा रहा है.’


भारत दुनिया में तेजी से बढ़ने वाला नागरिक उड्डयन मार्केट
सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के दौरान सिंधिया ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाला नागरिक उड्डयन मार्केट है. उन्होंने कहा कि देश में हवाई अड्डों की संख्या 2013-14 में 74 से बढ़कर अब लगभग 140 हो गई है. इसमें हेलीपोर्ट और पानी के गुंबद भी शामिल हैं. इस क्षेत्र में स्पेक्ट्रम का विस्तार भी हो रहा है. उन्होंने कहा कि 2024-25 तक एयरपोर्ट की ये संख्या 220 तक जाने की संभावना है. केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘7 साल पहले देश में 400 विमान थे और यह संख्या अब बढ़कर 710 हो गई है. लक्ष्य है कि हर साल 100 से ज्यादा विमान तैयार हो.

रीजनल कनेक्टिविटी पर सरकार का फोकस
उन्होंने कहा कि लास्ट माइल कनेक्टिविटी के प्रावधान के साथ सरकार का फोकस रीजनल कनेक्टिविटी पर है. ‘उड़े देश का आम नागरिक’ यानी उड़ान योजना (UDAN Scheme) के पीएम मोदी के विजन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत 409 से ज्यादा मार्गों की पहचान की गई है. जबकि 1.75 लाख से अधिक उड़ानों ने उड़ान भरी है और 91 लाख से अधिक यात्री लाभान्वित हुए हैं. रीजनल एयर-कनेक्टिविटी को मजबूत करने के उद्देश्य से सिंधिया ने “स्मॉल एयरक्राफ्ट-सब स्कीम” शुरू की. इस योजना का उद्देश्य एयरपोर्ट ऑपरेटर्स, स्टेट्स, पॉलिसी मेकर्स, एयरलाइनों और कई अन्य संबंधित स्टेकहोल्डर्स को एक साथ लाकर छोटे विमानों के सफल ऑपरेशन के लिए एक इकोसिस्टम के निर्माण की सुविधा प्रदान करना है.

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