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    कमलनाथ की करीबी महिला नेता ने दिया इस्‍तीफा, दो घंटे बाद लिया वापस, जानें वजह

  • December 06, 2021

    भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस (Madhya Pradesh Congress) की एक तेज तर्रार महिला नेता ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा(woman leader resigns from congress party) दिया है, उन्होंने अपना इस्तीफा पूर्व मुख्यमंत्री (Former Chief Minister) और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ (Congress State President Kamal Nath) को भेजा है, अपने इस्तीफे में उन्होंने कई आरोप लगाए हैं, हालांकि उन्होंने अपना इस्तीफा(resigns) दो घंटे बाद वापस भी ले लिया. यह महिला नेता कांग्रेस में कमलनाथ(Kamal Nath) की करीबी मानी जाती है. लेकिन उनके इस्तीफे की पोस्ट वायरल होने के बाद से ही कांग्रेस में माहौल गरमा गया है.

    दरअसल, उज्जैन में कांग्रेस की महिला नेता नूरी खान(women leader noori khan) ने अपना इस्तीफा कांग्रेस पार्टी से देकर सबको चौंका दिया. उन्होंने अपने इस्तीफा अल्पसंख्यक कार्यकर्ताओं की अनदेखी करने की बात कहते हुए दिया है. बता दें कि नूरी खान मध्य प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग की सदस्य हैं. नूरी ने अपने इस्तीफे में लिखा कि जब पार्टी में मेरे जैसे कार्यकर्ताओं की स्थिति ऐसी है, तो दूसरों का क्या हाल होगा समझा जा सकता है. नूरी खान मध्य प्रदेश में कांग्रेस की तेज तर्रार नेता मानी जाती हैं. कोविड-19 के समय नूरी खान ने ना सिर्फ आगे आकर अस्पतालों के हालातों पर प्रदर्शन किया, बल्कि निजी और सरकारी अस्पतालों की लापरवाही भी उजागर की. जबकि वह लगातार कांग्रेस पार्टी के समर्थन में सरकार को घेरने का काम करती रहती है. हालांकि बाद में उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है.



    त्यागपत्र में छलका नूरी का दर्द
    नूरी खान में अपने इस्तीफे में लिखा कि ”वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में कांग्रेस पार्टी की विचारधारा अल्पसंख्यक समाज के प्रति भेदभाव पूर्ण रवैया की है, पार्टी में सिर्फ इस वजह से प्रतिभाओं को मौका नहीं दिया जाता क्योंकि अल्पसंख्यक वर्ग से है. यह मेरा कोई राजनीतिक आरोप नहीं है आप खुद तथ्यात्मक रूप से आकलन करें प्रदेश के जिलों में जिला कांग्रेस कमेटियों में कितने अध्यक्ष अल्पसंख्यक वर्ग से है, प्रदेश के अग्रिम संगठनों में कोई प्रदेश अध्यक्ष अल्पसंख्यक वर्ग से नहीं है, मैंने स्वयं यह महसूस किया है कि मुझे जिस तरह से इतनी मेहनत और लगन से कार्य करने के बाद भी सिर्फ वर्ग विशेष से होने की वजह से पार्टी मैं जिम्मेदार पद पर नहीं बैठाया जाता. जबकि यदि यह स्थिति मेरे जैसी कार्यकर्ता के साथ है प्रदेश के अन्य जिले के अल्पसंख्यक वर्ग के कार्यकर्ताओं में कितना उपेक्षा का व्यवहार होगा”

    नूरी ने आगे लिखा कि ”सांप्रदायिक संगठनों से लड़ने की बात सिर्फ कागजों पर है यदि हम अपनी पार्टी में इसका पालन नहीं करा सकते तो शायद हम अपनी विचारधारा से विमुख हो रहे हैं, ऐसी स्थिति में मेरे लिए कार्य कर पाना असंभव है मैं आपके प्रति व्यक्तिगत रूप से कृतज्ञता व्यक्त करती हूं और अपने सभी कांग्रेस के पदों से इस्तीफा देती हूं अपनी प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देती हूं. अपने से जुड़े कार्यकर्ताओं जनता को यह आश्वस्त करना चाहती हूं कि भविष्य में अपने राजनीतिक आंदोलन को और मजबूत करने के लिए आपकी जनसेवा के लिए नई राजनीतिक दिशा जल्दी तय करूंगी और आपके बीच में राजनीतिक जन सेवा के लिए कार्य करूंगी, एक नई राजनीतिक दिशा और सोच के साथ आप सभी के सहयोग और प्यार के लिए धन्यवाद.”

    नूरी खान ने आखिरी में लिखा कि विशेष आग्रह- कृपया मेरे इस इस्तीफे को बिना किसी मानमनोबल एवं औपचारिकता के अविलंब स्वीकार किया जाए यह निर्णय मेरा अंतिम निर्णय है अतः मेरा इस्तीफा स्वीकार करें. उन्होंने अपने इस्तीफे में कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक और कांग्रेस पार्टी के नेता केसी वेणुगोपाल का नाम भी लिखा है. आखिर में उन्होंने लिखा कि “उसूलों पर गर आंच आए तो टकराना जरूरी है जिंदा हो तो जिंदा नजर आना जरूरी है.”

    दो घंटे बाद वापस लिया इस्तीफा
    नूरी खान ने दो घंटे बाद अपना इस्तीफा वापस लेते हुए कहा कि नूरी ने कहा ”उन्हें पार्टी से धैर्य रखने का आश्वासन मिला है, इसलिए मैं अपना इस्तीफा वापस लेती हूं, इस्तीफे को पार्टी की और से स्वीकार नहीं किया गया. नूरी ने बताया कि पार्टी के सभी पदों से इस्तीफे के विषय में मेरी प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ से चर्चा हुई मेरा इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है मुझे पार्टी द्वारा सकारात्मक बात-चीत हेतु आमंत्रित किया गया है और मेरी समस्त आशंकाओं को दूर कर पार्टी अध्यक्ष द्वारा अपना इस्तीफा पुन लेने का आग्रह किया गया है और मुझे ये विश्वास भी दिलाया गया है की पार्टी अन्याय नहीं होने देगी, आप धैर्य रखे पार्टी अध्यक्ष से मुलाक़ात कर मैं नतीजे पर ही जाऊंगी.”

    महिला प्रदेश अध्यक्ष पद की थी दावेदार
    दरअसल, नूरी खान की गिनती कमलनाथ के करीबी नेताओं में होती है, वह महिला प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद की भी प्रबल दावेदार थी. लेकिन पार्टी ने अर्चना जायसवाल को महिला कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया, बताया जा रहा है कि इस फैसले के बाद से ही नूरी खान नाराज चल रही थी. अब उन्होंने अपना इस्तीफा देकर अपनी नाराजगी साफ जाहिर कर दी है.

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