नई दिल्ली । सावन का महीना (month of sawan) 14 जुलाई से शुरू हो रहा है. इस पूरे महीने भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना की जाती है. भगवान शिव(Lord Shiva) और माता पार्वती की विधि विधान से पूजा(Worship) के साथ-साथ अपनी मनोकामनाओं (wishes) को भी पूरा करने के लिए भक्तजन न जानें कौन-कौन से नियम अपनाते हैं.
ऐसे में बता दें कि सावन में आने वाले मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है. इस व्रत की अनंत महिमा है. इस व्रत को रखने से कई फल प्राप्त हो सकते हैं. ऐसे में मंगला गौरी आरती (Mangala Gauri Aarti) पढ़ना भी बेहद जरूरी है. आज का हमारा लेख इसी विषय पर है. आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि मंगला गौरी आरती क्या है. पढ़ते हैं आगे…
मंगला गौरी आरती
जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता
ब्रह्मा सनातन देवी शुभ फल दाता। जय मंगला गौरी…।
अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता,
जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता। जय मंगला गौरी…।
सिंह को वाहन साजे कुंडल है,
साथा देव वधु जहं गावत नृत्य करता था। जय मंगला गौरी…।
सतयुग शील सुसुन्दर नाम सटी कहलाता,
हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता। जय मंगला गौरी…।
शुम्भ निशुम्भ विदारे हेमांचल स्याता,
सहस भुजा तनु धरिके चक्र लियो हाता। जय मंगला गौरी…।
सृष्टी रूप तुही जननी शिव संग रंगराताए
नंदी भृंगी बीन लाही सारा मद माता। जय मंगला गौरी…।
देवन अरज करत हम चित को लाता,
गावत दे दे ताली मन में रंगराता। जय मंगला गौरी…।
मंगला गौरी माता की आरती जो कोई गाता
सदा सुख संपति पाता।
जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता।।
नोट – इस लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं और सूचनाओं पर आधारित है. हम इसकी पुष्टि नहीं करते है. अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से संपर्क करें.
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