नई दिल्ली: पहलवानों (wrestlers) के समर्थन में शुक्रवार को हरियाणा के कुरुक्षेत्र (Kurukshetra of Haryana) में एक और खाप पंचायत की बैठक हुई. बैठक में खाप ने सरकार को 9 जून तक बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) को गिरफ्तार करने का अल्टीमेटम दे दिया है. कुरुक्षेत्र में हुई महापंचायत में राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि बृजभूषण की गिरफ्तारी से कम पर समझौता नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा, प्रदर्शन को जिस तरह से समर्थन मिल रहा है उसे देखते हुए पहलवानों की सुरक्षा बढ़ाई जानी चाहिए. अगर किसी भी पहलवान के साथ कुछ होता है तो इसके लिए सरकार सीधे तौर पर जिम्मेदार होगी.
टिकैट ने कहा, पहलवानों पर दर्ज केस वापस लिए जाए. महापंचायत में फैसला लिया गया है कि बृजभूषण को 9 जून तक गिरफ्तार किया जाए. टिकैत ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर बृजभूषण की गिरफ्तारी नहीं होती है तो 9 मई को हम पहलवानों को जंतर-मंतर पर छोड़ कर आएंगे. अगर 9 मई को पहलवानों को जंतर-मंतर पर नहीं बैठने दिया गया तो वहीं से बड़े आंदोलन का ऐलान होगा.
इससे पहले बैठक में भारी हंगामा देखने को मिला है. इस दौरान किसान नेता राकेश टिकैत को हंगामा शांत करवाने के लिए उठना पड़ा. बताया जा रहा है कि खाप के प्रतिनिधि माइक पर भाषण से लोग नाराज हो गए. उनकी नाराजगी फैसला न सुनाने को लेकर रही. हालांकि टिकैत के बीच में आने के बाद बड़ी मशक्कत से माहौल थोड़ा शांत हुआ. किसान नेता ने दावा किया है वो गांवों में आंदोलन के लिए तैयार बैठे हैं. पीड़ित बेटियां किसी जाति की नहीं हैं. साथ ही साथ उन्होंने साफ कर दिया है कि सरकार से बात किए बिना इस मामले को सुलझाया नहीं जा सकता. पूरे आंदोलन में एक भी हिंसक घटना नहीं हुई. पहलवानों को दबाव की वजह से छोड़ा गया. धरने गांवों में भी चलाए जाएंगे.
राकेश टिकैत का कहना है कि अब इस दबाव की वजह से सरकार बात करने को तैयार हो रही है. कुरुक्षेत्र के फैसले पर यूपी वालों की नजर है. यहां का फैसला सरकार को बता दिया जाएगा. महापंचायत के फैसले पर विवाद नहीं होना चाहिए. पहलवानों के मुद्दे पर ठोस फैसला लेना होगा. सरकार को भी खाप महापंचायत का फैसला बताना होगा. दरअसल, भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी को लेकर पहलवान आंदोलनरत हैं.
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