सिओल। दुनियाभर में ओमिक्रोन (Omicron Variant)का संक्रमण लगातार बढ़ता ही जा रहा है. इस बीच कोरिया के वैज्ञानिकों ने ओमिक्रोन टेस्टिंग(Korean scientists did Omicron testing) के लिए एक नई तकनीक विकसित(A new technology developed for Omicron testing) की है जो इस वेरिएंट का काफी तेजी से पता लगा सकती है. रिपोर्ट में बताया गया है कि मॉलिक्यूलर डायग्नोसिस टेस्ट(molecular diagnostics technology) के जरिए महज 20 मिनट में ओमिक्रोन वेरिएंट (Omicron variants can be detected in 20 minutes) का पता लगाया जा सकता है. अभी ओमिक्रोन का पता लगाने में काफी वक्त लगता है. मॉलिक्यूलर डायग्नोसिस टेस्ट तकनीक के आने के बाद इस वेरिएंट के मरीजों का आसानी से पता लगाया जा सकेगा.
कोरियाई शोधकर्ताओं ने आणविक निदान तकनीक विकसित (Molecular Diagnosis Test) की है जो ओमिक्रोन वेरिएंट का काफी कम वक्त में पता लगा सकती है. बताया जा रहा है कि प्रौद्योगिकी विकास वर्तमान में पूरा हो चुका है. POSTECH ने 10 तारीख को घोषणा की है कि केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर ली जंग-वूक के नेतृत्व में एक शोध दल ने नई तकनीक विकसित की है जो केवल 20-30 मिनट में ओमिक्रोन वेरिएंट का पता लगा सकती है और इसके परिणाम को ऑनलाइन प्रकाशित करेगी.
ओमिक्रोन टेस्टिंग में कारगर है नई तकनीक
ओमिक्रोन वेरिएंट कोविड-19 का एक प्रकार है जिसमें स्पाइक में 26-32 म्यूटेशन (Mutations) होता है, जिसका उपयोग COVID-19 वायरस द्वारा कोशिकाओं को संक्रमित करने के लिए किया जाता है. वैज्ञानिकों के मुताबिक मॉलिक्यूलर डायग्नोसिस टेस्ट एकल-न्यूक्लियोटाइड आधार पर म्यूटेशन को अलग कर सकती है, इसलिए यह स्टील्थ ओमिक्रोन का पता लगा सकती है, जिसे पीसीआर परीक्षणों द्वारा पता लगाना मुश्किल है.
फिलहाल कोरिया रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र COVID-19 वेरिएंट का पता लगाने के लिए तीन तरीकों का उपयोग कर रहा है. जिसमें कंप्लीट-जीनोम विश्लेषण, टारगेट डीएनए (स्पाइक प्रोटीन जैसे म्यूटेशन) विश्लेषण और पीसीआर परीक्षण शामिल है. डेल्टा वेरिएंट के मामले में, वर्तमान पीसीआर परीक्षण द्वारा इसका पता लगाया जा सकता है, लेकिन ओमिक्रोन वेरिएंट का पता लगाना काफी मुश्किल है. मॉलिक्यूलर डायग्नोसिस टेस्ट तकनीक पीसीआर से अलग काम करती है और ओमिक्रोन वेरिएंट का कुशलतापूर्वक पता लगाती है. Share: