
नई दिल्ली । सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) तिहाड़ मसाज मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) को कथित रूप से तिहाड़ जेल (Tihar Jail) के सीसीटीवी फुटेज लीक (cctv footage leaked) करने के लिए नोटिस जारी किया है. अब प्रवर्तन निदेशालय को कोर्ट को बताना होगा कि तिहाड़ जेल के लीक हुए फुटेज कैसे मिले. जैन की ओर से पेश वकील ने आरोप लगाया है कि ED ने फुटेज लीक किया. ED द्वारा अदालत में फुटेज की सुरक्षा के लिए वचन दिया गया था जो अब लीक हो गया है.
अदालत ने जांच एजेंसी से यह भी पूछा कि फुटेज किसने लीक किया. इसके बाद विशेष न्यायाधीश विकास ढुल ने ED को नोटिस जारी किया. कोर्ट ने अब मामले की सुनवाई के लिए 21 नवंबर की तारीख तय की है.
क्या है मामला
ED ने सीबीआई की एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की, जिसमें इफको के एमडी उदय शंकर अवस्थी, ज्योति ट्रेडिंग कॉरपोरेशन के प्रमोटर पंकज जैन और रेयर अर्थ ग्रुप, दुबई, अमरेंद्र धारी सिंह और अन्य शामिल थे. मामले में सत्येंद्र जैन को भी आरोपी बनाया गया था.
सीबीआई ने उन पर कथित रूप से आपराधिक साजिश रचने, धोखाधड़ी और आपराधिक कदाचार करने का आरोप लगाया था. ED को जांच में पता चला कि इफको में अवस्थी और अन्य ने अपराध की आय (पीओसी) उत्पन्न की और इसे विभिन्न असंबंधित संस्थाओं के माध्यम से स्तरित किया और पीओसी का हिस्सा तब उनके द्वारा नियंत्रित संस्थाओं को स्थानांतरित कर दिया गया.
ED को जांच के दौरान यह भी पता चला कि …
आरोपों में भारत के बाहर पंजीकृत कई संस्थाओं (आरोपी व्यक्तियों द्वारा नियंत्रित) के माध्यम से नकली वाणिज्यिक लेनदेन के एक जटिल वेब के माध्यम से विदेशी आपूर्तिकर्ताओं से अवैध कमीशन प्राप्त करना शामिल है, ताकि धोखाधड़ी वाले लेनदेन को वास्तविक रूप में दिखाया जा सके.
ED ने कहा- अवस्थी (अमोल अवस्थी और अनुपम अवस्थी के पिता) और परविंदर सिंह गहलौत (विवेक गहलौत के पिता) इफको के प्रबंध निदेशक और आईपीएल के निदेशक (यूएस अवस्थी) और आईपीएल के प्रबंध निदेशक (परविंदर सिंह गहलौत) के रूप में अपनी स्थिति के आधार पर उर्वरक उद्योग में काफी प्रभाव डालते हैं. उनके बेटों के माध्यम से उन्हें कमीशन का भुगतान इफको और आईपीएल के खजाने से होता है, और यह इफको और आईपीएल के शेयरधारकों के साथ धोखाधड़ी है, जिसमें कई राज्य विपणन संघ शामिल हैं, जिसमें विभिन्न राज्य सरकारों के हिस्सेदार हैं.
ED को जांच के दौरान यह भी पता चला कि अवैध तरीकों से भारत में जैन द्वारा 37.12 करोड़ रुपये और 6.18 मिलियन अमरीकी डालर की राशि प्राप्त की गई थी. इससे पहले, प्रवर्तन निदेशालय ने जैन के बिजनेस पार्टनर ए.डी. सिंह और आलोक कुमार अग्रवाल को गिरफ्तार किया था, जिनके साथ उसके व्यापारिक संबंध थे. एडी सिंह ने अवैध तरीकों से दुबई से 27.79 करोड़ रुपये भी प्राप्त किए थे. जैन और सिंह दोनों ने भारत में अपराध की आय प्राप्त करने के लिए अग्रवाल द्वारा प्रदान किए गए वाहन का उपयोग किया है. ED ने छह आरोपियों के खिलाफ 2021 में एक विशेष अदालत के समक्ष अभियोजन शिकायत भी दर्ज की थी.
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