नई दिल्ली (New Delhi)। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने दिल्ली आबकारी घोटाला (delhi excise scam) मामले में गिरफ्तार दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Former Deputy Chief Minister Manish Sisodia) को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत (judicial custody) में भेज दिया है। सीबीआई की हिरासत खत्म होने के बाद सिसोदिया को स्पेशल एमके नागपाल की कोर्ट में पेश किया गया। उन्होंने सिसोदिया को न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया।
जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली आबकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने एक और बड़ी कार्रवाई की है। मंगलवार को जांच एजेंसी ने अरुण रामचंद्र पिल्लई को गिरफ्तार कर लिया है। बीते सप्ताह ही सीबीआई ने आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसोदिया को भी गिरफ्तार कर लिया था। अब ईडी भी उनसे आज जेल मे ही पूछताछ करने जा रही है।
सूत्रों का कहना है कि अब ईडी की ओर से भी आप नेता की गिरफ्तारी की जा सकती है। दिल्ली सरकार में मंत्री रहे सत्येंद्र जैन पहले ही एक अन्य मामले में जेल के अंदर हैं। इसका मतलब है कि उन्हें सीबीआई की ओर से दर्ज मामले में सिसोदिया को अगर राहत मिल भी जाती है तो उन्हें ईडी के शिकंजे में रहना होगा। सीबीआई की हिरासत के बाद अदालत ने कल ही सिसोदिया को जेल में भेजने का आदेश दिया था। उन्हें दो सप्ताह और तिहाड़ में रहना होगा।
उन्हें 26 फरवरी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था और एक दिन बाद ही उन्होंने दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। खास बात है कि ईडी को आरोपी को गिरफ्तार करने से पहले उसका बयान दर्ज करना जरूरी होता है। ईडी गवाहों के बयान दिखाकर आप नेता से पूछताछ कर सकती है।
कथित शराब घोटाले की जांच के दौरान ‘साउथ ग्रुप’ का नाम भी सामने आया था। आरोप थे कि आप नेताओं को इस ग्रुप से भी 100 करोड़ रुपये मिले थे। खुलासा हुआ था कि इस साउथ ग्रुप में YSRCP सांसद मगुंता श्रीनिवासुलु रेड्डी, बेटे मगुंता राघव रेड्डी और भारत राष्ट्र समिति की एमएलसी के कविता शामिल थीं। इन नेताओं का काम अरुण रामचंद्र पिल्लई भी देख रहे थे। इसके अलावा ग्रुप से अभिषेक बोनपल्ली, सीए बुचीबाबू गोरंतला और पी शरद चंद्र रेड्डी का नाम भी सामने आया था।
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