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महाराष्ट्र में OBC आरक्षण के लिए ‘मध्य प्रदेश पैटर्न’, सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आज अहम बैठक


मुंबई: ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) के लिए रुकावटें दूर करने के लिए अब महाराष्ट्र की महा विकास आघाडी सरकार ‘मध्य प्रदेश पैटर्न’ (Madhya Pradesh Pattern) को लागू करने जा रही है. राज्य के फूड और सिविल सप्लाई मिनिस्टर छगन भुजबल (Chhagan Bhujbal) ने इससे संबंधित जानकारी दी है. इस संबंध में आज (सोमवार, 7 मार्च) एक अहम बैठक की जा रही है. इस बैठक में विधानसभा में विपक्षी नेता देवेंद्र फडणवीस और विधानपरिषद में विपक्षी नेता प्रवीण दरेकर भी मौजूद रहेंगे.

इस सर्वदलीय बैठक में क्या फैसला लिया जाता है, इस पर सबकी नज़रें लगी हुई रहेंगी. ओबीसी पॉलिटिकल रिजर्वेशन से जुड़े मुद्दे अन्य राज्यों में भी उठ रहे हैं. ओबीसी आरक्षण के बिना स्थानीय निकायों के चुनाव करवाने की मजबूरी ना हो, इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार ने जिस तरह का विधेयक लाया वैसा ही विधेयक महाराष्ट्र सरकार आज विधानमंडल में लाने जा रही है. ऐसे में छगन भुजबल ने मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि इस संबंध में केंद्र सरकार अगर हस्तक्षेप करे और राष्ट्रीय स्तर पर कोई फैसला ले तो इसका हल खोजा जा सकता है.

इस तरह लागू किया जा सकता है ‘मध्य प्रदेश पैटर्न’
ओबीसी आरक्षण के संदर्भ में ट्रिपल टेस्ट से जुड़ी मुश्किलें सामने आ रही हैं. ट्रिपल टेस्ट के बिना आरक्षण नहीं दिया जा सकता. यह नियम देश भर में लागू है. इस वजह से महाराष्ट्र में कई जगहों पर ओबीसी राजनीतिक आरक्षण के बिना ही चुनाव करवाने पड़े. छगन भुजबल ने बताया कि मध्य प्रदेश, ओडिशा, कर्नाटक में भी ये नियम लागू हुए. लेकिन मध्य प्रदेश ने इसके तोड़ में अध्यादेश जारी किया. चुनाव आयोग के कुछ अधिकारों की जिम्मेदारी अपने ऊपर ली. प्रभाग रचना करना, यह विचार करना कि कहां आरक्षण देना संभव है, यह मध्य प्रदेश ने खुद तय किया. चुनाव आयोग का इस पर दखल नहीं रहा. चुनाव आयोग का अधिकार सिर्फ चुनाव करवाना बाकी रहा. इससे वहां समय की भी बचत हुई. प्रभागों में फेरबदल करने के वक्त वे अब इम्पिरिकल डेटा कलेक्ट कर रहे हैं.


विपक्षी पार्टियों की सहमति का सवाल
छगन भुजबल ने कहा कि मध्य प्रदेश की तरह महाराष्ट्र सरकार को भी ओबीसी राजनीतिक आरक्षण देने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. मध्य प्रदेश ने इन समस्याओं का हल जिस तरह से ढूंढा है, हम भी उसी रास्ते पर जाने की सोच रहे हैं. इस बारे में मुख्यमंत्री और विपक्षी पार्टियों से बातचीत हुई है. उन्होंने सहमति जताई है. इस बारे में कुछ प्रस्ताव भी आए हैं. अब एक मीटिंग है. डिप्टी सीएम अजित पवार, विपक्षी नेता देवेंद्र फडणवीस, प्रवीण दरेकर को भी आमंत्रित किया गया है. छगन भुजबल ने यह भी कहा कि उन्हें इस बैठक को लेकर काफी उम्मीदें हैं.

‘मध्य प्रदेश में राज्यपाल उन्हीं के हैं’
छगन भुजबल ने कहा, ‘महाराष्ट्र में जो कानून लागू हुआ है, वही कानून मध्य प्रदेश में भी लागू हुआ. लेकिन उन्होंने तुरंत अध्यादेश जारी किया. वहां सरकार उनकी है. राज्यपाल भी उनके हैं. चुनाव आयोग सरकार से सहयोग कर रहा है. इसलिए वहां मुश्किलें पेश नहीं आ रही हैं. हम चरम पर प्रयत्न कर रहे हैं. जो जो कर सकते हैं, वो वो कर रहे हैं. केंद्र ने अगर हस्तक्षेप किया और राष्ट्रीय स्तर पर कोई निर्णय लिया तो सभी राज्यों के ओबीसी पर आया संकट दूर हो सकता है. फिलहाल हर राज्य को इसके लिए भारी कसरत करनी पड़ रही है.’

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