नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के प्रयागराज (Prayagraj) में महाकुंभ (Maha Kumbh) चल रहा है. इसमें देश के अलावा विदेश से भी लोग शामिल हो रहे हैं. वहीं, सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि बहुत जल्द ही प्रधानमंत्री (Prime Minister) नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) भी इसमें शामिल होने वाले हैं. जानकारी के मुताबिक, नरेंद्र मोदी 5 फरवरी को महाकुंभ जाएंगे. इसके अलावा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) 1 फरवरी के महाकुंभ में शामिल होंगे.
महाकुंभ जाएंगी राष्ट्रपति मुर्मू
देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी प्रयागराज के महाकुंभ में शामिल होने के लिए जाएंगी. जानकारी के मुताबिक, 10 फरवरी को द्रौपदी मुर्मू महाकुंभ जाएंगा.
इसके अलावा 27 जनवरी को गृह मंत्री अमित शाह महाकुंभ में शिरकत करेंगे. गृह मंत्री के प्रोग्राम का शेड्यूल भी जारी किया जा चुका है. इसमें संगम स्नान, गंगा पूजन और अधिकारियों के साथ बैठक शामिल है. गृह मंत्री अमित शाह के आगमन को देखते हुए यूपी पुलिस पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं.
45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान
महाकुंभ में इस बार 45 करोड़ श्रद्धालुओं के पवित्र संगम में स्नान करने का अनुमान है. लेकिन कुंभ में आने वाली इतनी भारी भीड़ की गिनती आखिर कैसे होती है. साथ ही यह सिर्फ अनुमान है या फिर इसके पीछे किसी सटीक मेथड का भी इस्तेमाल किया जाता है. तो आज आपको बताते हैं कि आखिर दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन कहे जाने वाले कुंभ में लोगों की गिनती करने के लिए क्या-क्या तकनीक अपनाई जाती रही हैं.
कैसे हो रही भीड़ की गिनती?
महाकुंभ 2025 की बात करें तो इस बार का कुंभ बेहद खास है क्योंकि हर 12 साल बाद लगने वाले इस कुंभ में 144 साल बाद खास संयोग बन रहा है, क्योंकि अब तक 12 कुंभ पूरे हो चुके हैं. इसी वजह से इसे महाकुंभ कहा जा रहा है और इसमें आने वाला श्रद्धालुओं की संख्या पहले के किसी भी कुंभ से ज्यादा है. ऐसे में कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की गिनती के लिए यूपी सरकार ने हाईटेक उपकरणों का सहारा लिया है और इस बार AI बेस्ड कैमरे की मदद से लोगों की गिनती की जा रही है.
सरकार ने महाकुंभ 2025 में आने वाले श्रद्धालुओं की गिनती करने के लिए एक स्पेशल टीम बनाई है और इस टीम का नाम है क्राउड असेसमेंट टीम. यह टीम रियल टाइम बेसिस पर महाकुंभ में आने वाले लोगों की गिनती कर रही है और इसके लिए ऐसे खास कैमरों की मदद ली जा रही है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से लोगों की गिनती कर रहे हैं. लोगों को स्कैन कर रहे हैं, यह कैमरे महाकुंभ में आने वाले लोगों के चेहरों को स्कैन करते हैं और वहां मौजूद भीड़ के हिसाब से यह अनुमान लगाते हैं कि कितने घंटे में कितने लाख लोग महाकुंभ के मेला क्षेत्र में आए हैं. इस समय महाकुंभ के पूरे मेला क्षेत्र में ऐसे 1800 कैमरे लगे हुए हैं. इसके अलावा यही टीम लोगों की गिनती करने के लिए ड्रोन की मदद ले रही है जिनसे एक निश्चित क्षेत्र में भीड़ के घनत्व को मापा जाता है और यह पता लगाया जाता है कि एक दिन में कितने लोग महाकुंभ के आयोजन में शामिल हो रहे हैं. कितने लोगों ने संगम में स्नान किया है.
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