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मालदीव की पूर्व रक्षा मंत्री की प्रतिक्रिया, बोलीं- भारत के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां दुखद हैं

माले (Male) । मालदीव और भारत (Maldives and India) के बीच तनाव जारी है। इस बीच मालदीव की पूर्व रक्षा मंत्री मारिया अहमद दीदी (Former Defense Minister Maria Ahmed Didi) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां करना मालदीव सरकार की अदूरदर्शिता का परिणाम है। भारत हमारा विश्वसनीय सहयोगी है। भारत रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में हमारी मदद करता है। भारत के प्रधानमंत्री की आलोचना करना गलता है। वर्तमान मालदीव सरकार लंबे समय से चले आ रहे मजबूत रिश्तों को कमजोर करने का प्रयास है।

हम सम्मान की तलाश में रहने वाले देश हैं
दीदी ने कहा कि अपमानजनक टिप्पणियां निराशा व्यक्त करती हैं। भारत मालदीव के लिए 911 कॉल की तरह है, जो हर मुश्किल वक्त में हमारा साथ देता है। हम एक छोटे देश हैं। हमे सभी से मित्रता बना कर रखनी है। हमारी सुरक्षा चिंताएं समान हैं। भारत हमेशा हमारे साथ खड़ा रहा। रक्षा क्षेत्र में भारत हमें आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश कर रहा था। भारत और मालदीव लोकतांत्रिक देश हैं। हम सम्मान की तलाश में रहने वाले देश हैं। भारत के साथ सदियों पुराने रिश्तों को यू बर्बाद नहीं करना चाहिए।


भारत कोविड में भी हमारे साथ रहा
उन्होंने आगे कहा कि भारत 911 की तरह है, हमने जब भी भारत को कॉल किया। हमें जब भी भारत की जरूरत हुई, भारत तभी हमारे साथ आ गया। भारत के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां दुखद हैं। भारत ही था, जिसने कोविड महामारी के दौर में हमारी सहायता की। उन्होंने ही हमें वैक्सीन दी थी। अनादी काल से भारत हमारे साथ रहा।

भारत पर आश्रित रहा है मालदीव
पर्यटन के साथ-साथ मालदीव भारत पर लगभग हर क्षेत्र में आश्रित है। इसे वर्ष 1966 में ब्रिटिश शासन से आजादी मिली, भारत पहला देश था, जिसने मालदीव की स्वतंत्रता को मान्यता दी। तभी से सैन्य, रणनीतिक, आर्थिक, औद्योगिक, चिकित्सकीय और सांस्कृतिक जरूरतों के लिए मालदीव हम पर आश्रित रहा है।

ये मदद भी की

  • 2018 से 2022 में मालदीव से 87 हजार लोग भारत में इलाज कराने आए। यह 5.15 लाख आबादी वाले देश का एक बड़ा हिस्सा है।
  • 2018 में ही भारत ने मालदीव को 140 करोड़ डॉलर का आर्थिक सहयोग प्रदान किया।
  • 2020 में चेचक के 30 हजार टीके मुहैया करवाए, 2023 में खेलों को बढ़ावा देने के लिए 4 करोड़ डॉलर मुहैया करवाए
  • 2004 की सुनामी और 2014 के जल संकट में भारत ने ही सबसे पहले मदद पहुंचाई
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