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योगी की प्रशंसा के निहितार्थ

– डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

कुछ दिन पहले योगी आदित्यनाथ मंत्रिपरिषद को लेकर अफवाहों का बाजार सजाया गया था। सत्ता पक्ष के प्रत्येक नेता की सामान्य यात्राओं को भी परिवर्तन से जोड़कर पेश किया जा रहा था। इस हवाई प्रचार अभियान में शामिल लोग उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं थे। उन्होंने प्रधानमंत्री से लेकर जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर को भी इसमें शामिल कर लिया था। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के बीच मतभेद की कहानी भी गढ़ ली गई। वैसे जल्दी ही इस अभियान की हवा निकल गई थी। प्रधानमंत्री की काशी यात्रा से यह अभियान पूरी तरह निराधार प्रमाणित हो गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले भी अनेक अवसरों पर योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा करते रहे हैं। काशी यात्रा के दौरान तो उन्होंने जैसे विधानसभा चुनाव का एजेंडा ही निर्धारित कर दिया। इसमें नेतृत्व नीति और कार्यशैली पर विश्वास पर विश्वास का भाव समाहित है। योगी को यशस्वी व कर्मठ मुख्यमंत्री बताया। कहा कि उनकी सभी उपलब्धियों को बताने में बहुत समय लगेगा। विगत साढ़े चार वर्षों की उपलब्धियों से केंद्रीय नेतृत्व संतुष्ट है। योगी आदित्यनाथ नेतृत्व और उपलब्धियों के आधार पर पिछली सरकारों को बहुत पीछे छोड़ चुके है।

नरेंद्र मोदी ने पहले उत्तर प्रदेश की जातिवादी और भाई भतीजावाद की राजनीति का उल्लेख किया। योगी आदित्यनाथ ने उस दौर से उत्तर प्रदेश को बाहर निकाला है। उन्होंने व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव किया। इससे प्रदेश में विकास का बेहतर माहौल बना। जनहित की योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित हुआ। योगी सरकार विकासवाद पर अमल कर रही है। इसमें पहले की तरह भ्रष्टाचार और भाई भतीजावाद नहीं है। आज उत्तर प्रदेश में जनता को योजनाओं का सीधा लाभ मिल रहा है। योगी आदित्यनाथ स्वयं इसपर ध्यान दे रहे हैं।

प्रदेश में निवेश के अनुकूल माहौल बनाया गया है। नये-नये उद्योगों का निवेश हो रहा है। उत्तर प्रदेश को पहले बीमारू माना जाता था। अब यहां औद्योगिक विकास हो रहा है। निवेश व मेक इन इंडिया के लिए उत्तर प्रदेश पसंदीदा जगह बन गया है। योगी आदित्यनाथ की सरकार का इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस एवं औद्योगिक कलस्टर का निर्माण किया। योगी आदित्यनाथ ने कोरोना संकट से मुकाबले की मिसाल कायम की। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इसकी प्रशंसा की है। उत्तर प्रदेश की आबादी दुनिया के कई बड़े देशों से भी ज्यादा है। दिमागी बुखार जैसी आपदा पर बड़ी हद तक नियंत्रण स्थापित हुआ है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कोरोना के सबसे ज्यादा टेस्ट हुए हैं। सबसे अधिक टीके भी उत्तर प्रदेश में ही लगे हैं। उत्तर प्रदेश में चार वर्ष पहले बारह मेडिकल कॉलेज थे। अब उनकी संख्या चार गुनी हो गई है। साढ़े पांच सौ से अधिक ऑक्सीजन प्लांट प्रदेश में लगाए जा रहे हैं। काशी पूर्वांचल का बहुत बड़ा मेडिकल हब बन रही है। अब प्रदेश के जिला मुख्यालयों पर चौबीस घण्टे, तहसील मुख्यालय में करीब बाइस घण्टे, ग्रामीण क्षेत्र में सोलह से सत्रह घण्टे बिजली आपूर्ति दी जा रही है। आने वाले समय में पूरे प्रदेश में चौबीस घण्टे विद्युत आपूर्ति देने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर एवं कनेक्टिविटी से परिवेश बदला है। आज प्रदेश में एयरपोर्ट, हवाई पट्टी विकास, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे, गंगा एक्सप्रेस वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे, बलिया लिंक एक्सप्रेस वे के कार्य हो रहे हैं।

राज्य सरकार ने अबतक गन्ना किसानों को सवा लाख करोड़ रुपए के गन्ना मूल्य का भुगतान कराया है। करण्ट ईयर में आधे से अधिक का गन्ना मूल्य का भुगतान कराया जा चुका है। कोरोना काल में भी सभी एक सौ उन्नीस चीनी मिलें संचालित की गईं। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर लगभग छत्तीस लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की। छियासठ लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद की जा चुकी है। किसानों को ग्यारह हजार करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया गया है। राज्य सरकार द्वारा मक्के की खरीद कर किसानों को करीब दो सौ करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि का भुगतान किया गया है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अन्तर्गत प्रदेश के ढाई करोड़ बयालीस लाख किसानों को लाभान्वित किया गया है। इसके लिए राज्य को भारत सरकार से प्रथम पुरस्कार भी प्राप्त हुआ है।

प्रदेश के शहरी और ग्रामीण इलाकों में चालीस लाख आवास उपलब्ध कराए गए हैं। करीब ढाई करोड़ से अधिक किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से लाभान्वित किया गया। चौवन लाख कामगार श्रमिक,स्ट्रीट वेण्डर्स आदि को भरण।पोषण भत्ते का लाभ मिला। कामगारों श्रमिकों की सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा तथा सर्वांगीण विकास के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए उत्तर प्रदेश कामगार एवं श्रमिक सेवायोजन एवं रोजगार आयोग का गठन किया गया है। एक करोड़ अड़तीस लाख घरों में निःशुल्क विद्युत कनेक्शन दिए गए हैं। सत्तासी लाख से अधिक लोगों को वृद्धावस्था महिला व दिव्यांगजन पेंशन दी गई है। हर घर नल योजना के तहत तीस हजार ग्राम पंचायतों में शुद्ध पेयजल योजना लागू की गई है। हर जिला मुख्यालय को फोर लेन से तथा तहसील मुख्यालयों और विकास खण्ड मुख्यालयों को दो लेन से जोड़ने की कार्यवाही की जा रही है।

प्रदेश में फिल्म सिटी के निर्माण की कार्यवाही भी प्रगति पर है। उत्तर प्रदेश में इण्डस्ट्रियल डिफेंस काॅरिडोर का निर्माण युद्धस्तर पर चल रहा है। एक जनपद, एक उत्पाद योजना के सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं। प्रयागराज कुम्भ में तीर्थयात्रियों की संख्या सुरक्षा, स्वच्छता और सुव्यवस्था के नए वैश्विक रिकार्ड बने। इंफ्रास्ट्रक्चर और इंडस्ट्री में बड़ा निवेश हो रहा है। तीन वर्ष पूर्व प्रदेश में अभूतपूर्व इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन हुआ था। इसके कुछ महीने बाद शिलान्यास समारोह का भी आयोजन हुआ। निवेश का दूसरा आयोजन भी सफल रहा। डिफेंस एक्सपो से भी बढ़ी संख्या में निवेश प्रस्ताव हासिल हुए। योगी आदित्यनाथ ने न्यू यूपी का रोडमैप तैयार किया था। जिसमें एक जिला एक उत्पाद, निवेश, कृषि का विकास, ढांचागत विकास, तीर्थाटन पर्यटन शिक्षा, स्वास्थ्य, अवस्थापना सुविधा आदि अनेक विषय शामिल किये गए थे। इस दिशा में भी कार्य चल रहा है।

योगी सरकार से पहले प्रदेश में अठारह प्राइवेट यूनिवर्सिटी थी। इस सरकार में अट्ठाइस निजी यूनिवर्सिटी को एक साथ अनुमति दी गई। इसके अलावा आठ नई राजकीय यूनिवर्सिटी बनेंगी। बेसिक शिक्षा में एक करोड़ अस्सी लाख बच्चों को निःशुल्क पुस्तकें,यूनिफार्म स्वेटर जूते मोजे दिए जा रहे हैं।

इस समय में प्रदेश में चार एक्सप्रेस वे निर्माणाधीन हैं। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से जोड़ते हुए विकसित किया जा रहा है। यह एक्सप्रेस-वे बुन्देलखण्ड क्षेत्र के सभी जनपदों को जोड़ते हुए चित्रकूट तक जाएगा। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे और मेरठ से प्रयागराज तक के छह सौ किमी लम्बाई के गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण की कार्यवाही गतिमान है। इन एक्सप्रेस-वे के निर्माण के साथ ही प्रदेश के सभी जनपदों में औद्योगिक क्लस्टर के विकास पर भी कार्य किया जा रहा है।

जाहिर है कि नरेंद्र मोदी ने तथ्यों के आधार पर ही योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा की है। इस प्रकार उन्होंने विधानसभा चुनाव का एजेंडा भी निर्धारित कर दिया। नेतृत्व और उपलब्धियों के साथ भाजपा चुनावी समर में उतरेगी।

(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)

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