
नई दिल्ली । महाराष्ट्र(Maharashtra) में बड़े राजनीतिक घटनाक्रम (Political developments)के आसार हैं। दरअसल, हाल ही में हुई शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे(Chief Uddhav Thackeray) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (Maharashtra Navnirman Sena)के चीफ राज ठाकरे(Chief Raj Thackeray) की ताजा मुलाकात के बाद दोनों के बीच गठबंधन की अटकलें तेज हो गईं हैं। हालांकि, इसे लेकर किसी भी पार्टी की ओर से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। ये मुलाकातें ऐसे समय पर हो रही हैं, जब मुंबई में BMC चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं।
रविवार को बांद्रा पूर्व स्थित मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन में राज्यसभा सांसद संजय राउत के पोते का नामकरण समारोह था। इस मौके पर राज और उद्धव दोनों ही पहुंचे थे। खास बात है कि यहां पर मुलाकात के बाद राज मातोश्री भी गए। खबर है कि दोनों नेता वहां करीब 40 मिनट तक रहे। फिलहाल, यह साफ नहीं है कि दोनों के बीच किस मुद्दे पर बात हुई।
साल 2005 में राज ने तब अविभाजित शिवसेना से अलग होकर मनसे का गठन किया था। तब से ही दोनों नेता अलग हैं, लेकिन हाल ही में हुईं कई बैठकों ने गठबंधन की अटकलों को हवा दे दी है। वहीं, दोनों नेता भी अप्रत्यक्ष रूप से इसका समर्थन करते नजर आ रहे हैं। एक ओर जहां उद्धव ने सार्वजनिक रूप से गठबंधन की बात का स्वागत किया था। वहीं, राज ने हाल ही में कहा था कि मराठी माणूस के लिए एकजुट होना मुश्किल काम नहीं है।
इससे पहले 5 जुलाई को हुए एक कार्यक्रम में राज और उद्धव साथ शामिल हुए थे। 27 जुलाई को मनसे प्रमुख मातोश्री पहुंचे थे और उद्धव को 65वें जन्मदिन की बधाई दी थी। इसके बाद शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख अगस्त में गणेश चतुर्थी के मौके पर राज के घर पहुंचे थे।
खबर है कि गठबंधन में शुरुआत में मनसे कथित तौर पर 100 सीटों की मांग कर रही थी, लेकिन अब 60 से 70 पर सहमति जता रही है। साल 2012 में मनसे ने 28 सीटें और 2017 में 7 सीटें जीती थीं।
क्या बोली भाजपा
भाजपा नेताओं ने रविवार को हुई दोनों नेताओं की मुलाकात को लेकर कहा कि इसका बीएमसी चुनाव के नतीजों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
भाजपा के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा, ‘भगवान ने उद्धव और राज को एक ही परिवार में भेजा है, लेकिन वे अब भी साथ नहीं रहते। उद्धव द्वारा इस बात पर जोर देने का कोई मतलब नहीं है कि वह और राज एक ही रहेंगे। उन्होंने (उद्धव-राज) दिवंगत बालासाहेब ठाकरे की साथ रहने की इच्छा को भी नहीं माना था।’
भाजपा के विधान परिषद सदस्य प्रवीण दरेकर ने कहा कि उनकी पार्टी को इन चचेरे भाइयों के एक साथ आने से ‘‘कोई फर्क नहीं पड़ता’’ है।
यह पूछे जाने पर कि क्या दोनों के बीच गठबंधन सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए खतरा बन सकता है, दरेकर ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि इन दावों में कोई सच्चाई है कि सत्तारूढ़ (गठबंधन के) दल इस बात से डरे हुए हैं कि राज और उद्धव गठबंधन कर सकते हैं। यह पूरी तरह से काल्पनिक है। मतदाता चुनाव के दौरान फैसला करेंगे।’ उन्होंने कहा कि मनसे-शिवसेना (UBT) गठबंधन बीएमसी चुनाव के नतीजों को प्रभावित नहीं करेगा।
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