यदि अपने देश को बचाना है… अपने देश को आगे बढ़ाना है… देश के भविष्य पर चिंता जताना है तो कुछ तो ट्रंप जैसा बनना ही पड़ेगा… देश की सीमा में घुसने वाले घुसपैठियों को भगाना ही होगा… उनका रुतबा… उनका अस्तित्व… उनका हौसला मिटाना ही होगा… वो हमारी अर्थव्यवस्था को मिटा रहे हैं… वो हमारे देश में अराजकता फैला रहे हैं… वो भविष्य के नासूर बनते जा रहे हैं और हद तो यह है कि ऐसे घुसपैठिए हमारे लोकतंत्र के लिए चुनौती बनते जा रहे हैं… वो फर्जी वोट डालकर सरकार बनवा रहे हैं और संरक्षण पा रहे हैं… इसीलिए पश्चिम बंगाल में बंगाली घुसपैठियों से लेकर पाकिस्तानी देशद्रोही घुसे जा रहे हैं… कश्मीर में भी इन्हीं हालात से हम जूझते हुए हिंदुओं की बलि चढ़ा रहे हैं… यह घुसपैठिए केवल इन राज्यों तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि पूरे देश में आतंक फैला रहे हैं… फिर वो सैफ का घर हो या आम आदमी का, हर जगह अपने गुनाहों की छाप घुसपैठिए छोड़ते जा रहे हैं… असम से लेकर त्रिपुरा तक… मणिपुर से लेकर बंगाल तक हर जगह देशद्रोही गद्दार अपनी पैठ बढ़ा रहे हैं… इन्हें खोजने और हकालने के लिए अमेरिका की तरह एक बड़े अभियान की जरूरत है… ट्रंप की तरह नजर और नजरिए की जरूरत है… यदि ट्रंप हथकड़ी डालकर घुसपैठियों को हकालकर उनके देश भिजवाएं तो उन पर तोहमतें मत लगाइए… आक्रोश मत दिखाइए, बल्कि अहसान जताइए कि उनके देश में घुसपैठ करने वालों को उन्होंने जेल की यातनाओं में नहीं झोंका… उन्हें सेना के विमान लगाकर…करोड़ों का खर्च उठाकर उनके घर पहुंचाने का रहम दिखाया… वरना करतूत तो उनकी ऐसी थी कि वो सींखचों में ही सड़ते और रोटी-रोटी के लिए तरसते… उन पर दया दिखाना… उनकी हालत पर आक्रोश जताना… उनके भविष्य की चिंता जताना न केवल नादानी है, बल्कि गुनाह भी है… वो कानून तोडक़र, देश छोडक़र अपने लालच के लिए अमेरिका पहुंचे थे… जब वो पहाड़ चढ़ रहे थे… जब वो पैदल चल रहे थे… जब वो जहाजों में छुप रहे थे, तभी उन्हें इस बात का अहसास हो चला था कि वो गुनाह कर रहे हैं… फिर ऐसे गुनहगारों पर दया कैसी… उन्हें पैरों में बेडिय़ां डालकर पहुंचाएं या हथकड़ी डालकर भिजवाएं, हम क्यों आक्रोश जताएं और उनके भविष्य की चिंता कर दूसरे लोगों को घुसपैठ के लिए क्यों उकसाएं… यदि अमेरिका द्वारा भारतीय घुसपैठों को हकाला जाना जायज नहीं है तो हमारे देश के घुसपैठियों को निकालना कैसे जायज होगा… अमेरिका से लौटे घुसपैठियों पर दया दिखाना तो दूर, हमें अपने देश के घुसपैठियों को हकालने के लिए प्रधानमंत्री का हौसला बढ़ाना होगा और मोदीजी को भी ट्रंप जैसा नजरिया जुटाना होगा…
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