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मुरैना : जहरीली शराब से अब तक 12 लोगों की मौत, परिजनों ने सड़क‍ पर शव रखकर किया प्रदर्शन

दो अधिकारी निलंबित, सीएम ने दिये जांच के निर्देश

मुरैना । मुरैना जिले के बागचीनी थाना क्षेत्र के ग्राम छेरा मानपुर, पहावली और बिलिय्यां पूरा में जहरीली शराब पीने से मंगलवार दोपहर तक मरने वालों की संख्या बढक़र 12 हो गई है। प्रशासन ने इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी जाविद अहमद और बागचीनी के थाना प्रभारी अविनाश राठौर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इधर, मृतकों के परिजनों ने शवों को सडक़ पर शव रखकर प्रदर्शन किया। वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दुर्भाग्यपूर्ण और दुखदायी बताते हुए मामले की जांच के निर्देश दिये हैं।

मुरैना एसडीओपी सुजीत भदौरिया ने बताया कि जिले के दो थाना क्षेत्रों में अब तक जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या 12 हो गई है। अभी कुछ लोगों की तबियत खराब है और उनका उपचार जारी है। ग्रामीणों ने बताया कि इन लोगों ने ओपी केमिकल से बनी हुई शराब पी थी। फिलहाल मामले की जांच जारी है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रथम दृष्टया सुपरविजन में लापरवाही करने पर जिला आबकारी अधिकारी जाविद अहमद और बागचीनी थाना प्रभारी अइवनाश राठौर को सस्पेंड किया गया है।

उन्होंने बताया क‍ि मृतकों में रामकुमार पुत्र छोटेलाल, धर्मेन्द्र सिंह पुत्र रामजीलाल, दिलीप शाक्य पुत्र रामचंद्र शाक्य, जितेन्द्र पुत्र पातीराम जाटव, सरनाम पुत्र अमर सिंह किरार, केदार पुत्र हुकुम सिंह जाटव, मुकेश पुत्र साहब सिंह किरार सभी निवासी ग्राम मानपुर छैरा, बंटी पुत्र पंजाब सिंह गुर्जर, जितेन्द्र पुत्र पंजाब सिंह गुर्जर, रामनिवास पुत्र सिद्धार्थ गुर्जर तीनों निवासी ग्राम पावली के अलावा दो मृतक सुमावली क्षेत्र के रहने वाले हैं। सुमावली थाना प्रभारी रवि गुर्जर ने बताया कि सभी लोग एक पार्टी में गए थे, यहां पर शराब के साथ चिकन भी परोसा गया था। जिसके बाद सभी की हालत गंभीर हो गई।

गौरतलब है कि मुरैना के बीहड़ में कच्ची व जहरीली शराब का कारोबार बेखौफ चलता है। गत 12 दिसम्बर को नूराबाद पुलिस ने बीहड़ में कच्ची शराब की भट्टी पकड़ी थी। नदी किनारे बीहड़ों में भट्टी जल रही थी जिस पर एक ड्रम में शराब बन रही थी। यह शराब भट्टी पर गुड़, पीओ और अन्य सामग्री से बनायी जाती थी। पानी की मोटर से नदी किनारे के भरकों (पानी के छोटे गड्ढों) से पानी खींचा जाता था जिसे ड्रमों में भरकर उससे कच्ची शराब तैयार होती थी। यह शराब बाइकों से आसपास के गांवों में खपाई जाती थी।

बता दें कि यह कोई पहला मामला नहीं है, जब मध्य प्रदेश में जहरीली शराब पीने से इतने लोगों की मौत हुई है। इससे पहले उज्जैन में जहरीली शराब पीने से 16 लोगों की मौत हो गई थी। उससे पहले लॉकडाउन के दौरान रतलाम जिले में अवैध जहरीली शराब पीने से 8 लोगों की मौत हुई थी।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट के माध्यम से मामले में कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है, दो अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। जांच के बाकी तथ्य जैसे ही आएंगे, जो भी दोषी होंगे, वो छोड़े नहीं जायेंगे। हम कठोर कार्रवाई करेंगे। वाणिज्य कर मंत्री जगदीश देवड़ा ने पूरे मामले को लेकर अधिकारियों से जानकारी ली है। इस मामले में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि थानेदार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। मौके पर वरिष्ठ अधिकारी पहुंच गए हैं और अलग से एक जांच दल भी जा रहा है। कोई भी दोषी होगा कितना भी बड़ा हो बख्शा नहीं जाएगा।

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