भोपाल। निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार के अन्तर्गत कमजोर वर्ग एवं वंचित समूह के बच्चों को सत्र 2021-22 के लिए दूसरे चरण में शनिवार को 14 हजार 880 बच्चों को ऑनलाइन लॉटरी के माध्यम से स्कूल आवंटित किये गये।
राज्य शिक्षा केंद्र संचालक धनराजू एस ने बताया कि दूसरे चरण में 14 हज़ार 880 बच्चों को उनकी च्वाइस के अनुसार स्कूल आवंटित किये गये हैं। ऑनलाइन लॉटरी में 7 हज़ार 887 बालकों को और 6 हज़ार 993 बालिकाओं को स्कूल का आवंटन किया गया है। आरटीई पोर्टल rteportal.mp.gov.in पर दूसरे चरण के आवंटन-पत्र उपलब्ध हैं। पालक आवेदन में अंकित जानकारी दर्ज कर आवंटन की स्थिति चेक कर सकते हैं और आवंटन-पत्र भी डाउनलोड कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि जिन बच्चों को स्कूल आवंटित हुआ है, वह आवंटन-पत्र की एक प्रति आवंटित स्कूल में ले जाकर 16 अगस्त 2021 से एक सप्ताह की अवधि में निःशुल्क प्रवेश ले सकते हैं। बच्चे के प्रवेश लेते समय ही संबंधित प्रायवेट स्कूल द्वारा मोबाइल एप के माध्यम से बच्चे की जिओटेग एडमीशन रिपोर्टिंग दर्ज की जायेगी।
मप्रः सरकारी स्कूलों के बच्चों को पैकिंग में मिलेंगी पुस्तकें
मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) और सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि कक्षा पहली से बारहवीं तक के शासकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों को नि:शुल्क पुस्तकें पैकिंग कर वितरित की जायेंगी। प्रदेश में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में इसकी शुरुआत शाजापुर जिले में शुजालपुर, सीहोर जिले में बुधनी और भोपाल विकासखण्ड में की जा रही है। मंत्री परमार ने शनिवार को शुजालपुर के जनपद शिक्षा केन्द्र से जनशिक्षा केन्द्रों तक नि:शुल्क पुस्तकें पहुँचाने के लिए वितरण वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री परमार ने कहा कि शासन द्वारा पहले विद्यालय में बच्चों को बिना पैकिंग किये पुस्तकें दी जाती थीं, उसमें कई प्रकार की व्यवहारिक कठिनाइयाँ आती थीं। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मार्गदर्शन में इस बार हमनें पुस्तकों का पूरा एक सेट तैयार कर पैकिंग कर छात्र-छात्राओं को वितरण करने का निर्णय लिया है। पायलट प्रोजेक्ट की सफलता पर अगले सत्र से पूरे प्रदेश में छात्र-छात्राओं को पुस्तकों को पैकिंग कर वितरण किया जायेगा। (एजेंसी, हि.स.)
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