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MP : रीवा में पुलिस की पिटाई से हुई सरपंच की मौत

भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सतना (Satna) जिले के एक सरपंच (Sarpanch) की मौत पुलिस (Maut Police) की पिटाई से होने का मामला सामने आया है। सरपंच के परिवार वालों का आरोप है कि सरपंच गांव के दो और लोगों के साथ एक आरोपी की पैरोल की सिफारिश लगाने के लिए पुलिस स्टेशन गए थे। पुलिस स्टेशन में उनका पुलिस से कुछ विवाद हो गया। जिसके बाद पुलिस ने सरपंच सहित 2 अन्य लोगों को लॉकअप में बंद कर बहुत पीटा।

इतना ही नहीं पुलिस ने सरपंच पर थाने में हंगामा करने का मामला भी दर्ज कर दिया था। जेल से बाहर आने के बाद सरपंच की तबीयत बहुत खराब हो गई। उन्हे रीवा के संजय गांधी (Sanjay Gandhi) अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान बुधवार को उनकी मौत हो गई। इस मामले को लेकर रीवा SP धर्मवीर सिंह यादव (SP DharmVeer Singh) का कहना है कि इस मामले की जांच की जा रही है। पीएम रिपोर्ट (PM Report) आने के बाद ही मौत के असली वजह का पता लग पाएगा।


ककलपुर गांव में रहने वाले वीरेंद्र द्विवेदी का कहना है कि मेरा भाई जेल में बंद था। जिसके पैरोल की रिक्मंडेशन के पेपर थाने पहुंचे हुए थे। मुझे मेरे भाई ने कहा कि मुझे पैराल मिल जाएगी। बस किसी को थाने ले जाकर रिक्मंडेशन करा लो। जिसके बाद मैं सरपंच राममिलन कोल और अखिलेश साकेत को लेकर थाने पहुंचा। पुलिस स्टेशन में मुंशी के बारे में पूछने पर कहा गया कि मुंशी नहीं है।

जब हमने पुलिस स्टेशन में दोबारा पूछा तो पुलिसकर्मियों ने हमे लॉकअप में बंद कर कपड़े उतरवाकर बहुत मारा और उसके बाद हमे जेल भेज दिया। जेल से जमानत पर जब वापस आए तो सरपंच की तबीयत अचानक खराब हो गई और बुधवार रात अस्पताल में उनकी मौत हो गई। वहीं सरपंच की मौत के बाद उनके परिवार ने बुधवार को सुबह संजय गांधी अस्पताल में बवाल मचाया तब ये मामला सामने आया। परिजनों का कहना है कि सरपंच की घर आते ही तबीयत बिगड़ी गई थी।


इस पूरे मामले को लेकर पुलिस का तर्क है कि ककलपुर सरपंच राममिलन कोल ,वीरेंद्र द्विवेदी और अखिलेश साकेत ने 26 फरवरी को ताला थाने में हंगामा किया था। जिसके बाद उन तीनों पर 353, 327 के तहत मामला दर्ज कर 27 फरवरी को अमरपाटन कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उन्हे जेल भेज दिया गया था। 7 दिन पहले ही तीनों की जमानत हुई थी।

वहीं DSP मुख्यालय प्रभा किरण किरो ने कहा कि सरपंच ने थाने में मुंशी से बदतमीजी की थी। जेल से छूटने के बाद घर पहुंचकर उनकी तबीयत खराब हुई। और अस्पताल में कई दिन रहने के बाद उनकी मौत हो गई। पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल सकेगा। वहीं सरपंच के परिवार वाले और गांव वाले इस घटना के बाद से बहुत गुस्से में हैं इसलिए पुलिस ने सतर्कता दिखाते हुए रीवा बार्डर पर चौकसी बढ़ा दी है।

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